✒ न्यूयार्क : आईएनएस, इंडिया अकवाम-ए-मुत्तहिदा के इन्सानी हुकूक के इदारे के सरबराह ने मंगल के रोज कहा है कि इसराईल की जानिब से गजा की पट्टी का मुकम्मल मुहासिरा (घेराबंदी) वहां के रिहायशियों को उन तमाम जरूरीयात-ए-जिंदगी से महरूम कर रहा है जो उनकी बका के लिए जरूरी हैं और जिसकी बैन-उल-अकवामी कानून मुमानअत करता है।
उन्होंने तमाम फरीकों पर जोर दिया कि वो खतरनाक हद तक बोहरानी सूरत-ए-हाल को मामूल पर लाने की कोशिश करें जबकि इसराईल ने खबरदार किया है कि वो फलस्तीनी अस्करीयत पसंद ग्रुप को तबाह करने तक जंग जारी रखेगा। वो कहते हैं कि हम अपने तल्ख तजुर्बात के नतीजे में ये जानते हैं कि इंतिकाम कोई जवाब नहीं होता और बिलआखिर बेगुनाह शहरीयों को उसकी कीमत चुकाना पड़ती है। हम्मास ने हमला करने के साथ ही तकरीबन 150 इसराईली अफराद को अगवा भी कर लिया है। हम्मास ने धमकी दी थी कि अगर इसराईल बगैर किसी इंतिबाह के गजा के रिहायशियों पर फिजाई हमलों का सिलसिला जारी रखता है तो हर हमले पर दुख के साथ मजबूरन एक यरगमाली को हलाक कर दिया जाएगा। इस धमकी से पहले ही इसराईल की जानिब से पीर के रोज गजा की पट्टी का मुकम्मल मुहासिरा कर लिया गया था जिसके नतीजे में वहां खुराक, पानी और बिजली की सप्लाई मुनकते हो गई है। उन्होंने एक बयान में कहा है कि ऐसे मुहासिरे का नफाज बैन-उल-अकवामी इन्सानी कानून के तहत ममनू है जो शहरीयों को अपनी बका के लिए दरकार सामान से महरूम कर के उनकी जिंदगियों को खतरे में डालता है।
बयान में कहा गया है कि मुहासिरे के नतीजे में गजा को संगीन खतरात लाहक हैं, जहां पहले से ही इन्सानी हुकूक और फलाही सूरत-ए-हाल दगरगों है। बयान में बा-असर मुल्कों पर जोर दिया गया कि वो सूरत-ए-हाल की संगीन नौईयत (नेचर) को कम करने की कोशिश करें। अकवाम-ए-मुत्तहिदा के इन्सानी हुकूक के लिए हाई कमिशनर ने कहा कि फलस्तीनी मुसल्लह ग्रुपों की तरफ से तहवील में लिए गए लोगों के साथ नारवा सुलूक की तसावीर और उनके कतल और लाशों की बे-हुरमती की इत्तिलाआत होलनाक और इंतिहाई तकलीफ-देह है। उन्होंने फलस्तीनी मुसल्लह ग्रुपों पर जोर दिया कि वो अगवा किए गए शहरीयों को फौरी और गैर मशरूत (निशर्त) तौर पर रिहा करें। उनका कहना है कि यरगमाल बनाना बैन-उल-अकवामी कानून के तहत ममनू है। जिनेवा में इसराईल के मिशन ने इसके जवाब में कहा कि तुर्क ने ये जिÞक्र नहीं किया कि संगीन सूरत-ए-हाल पैदा किसने की और मिशन ने हम्मास को दहश्तगर्द करार ना देने पर तन्कीद भी की।
हम्मास का हमला दाइश की तरह वहशियाना कार्रवाई : अमरीकी महकमा दिफा
वाशिंगटन : अमरीकी महिकमा दिफा (रक्षा विभाग) के एक आला ओहदेदार ने कहा कि इसराईली शहरीयों पर हम्मास का हमला दाइश की सतह की वहशयाना कार्रवाई से कम नहीं है। एक सीनीयर ओहदेदार का ये बयान इसराईली वजीर-ए-आजम बिन्यामिन नेत न्याहू के तबसरों की बाजगश्त है। उन्होंने भी हम्मास को दहश्तगर्द ग्रुप दाइश से मुंसलिक किया था जो सर कलम करने और मौत की दूसरी सजाओं को सोशल मीडीया पर पोस्ट करने के लिए बदनाम है। अहलकार ने कहा, हम्मास के अस्करीयत पसंदों का पूरे इसराईल में जाना, बच्चों को उनके वालदैन के सामने हलाक करना, मौसीकी की तकरीबात में अंधाधुंद कत्ल-ए-आम करना, खानदानों के पूरे मकानात को उस वक़्त नजर-ए-आतिश करना जब वो बंकरज में पनाह लिए हुए हो, उसकी कोई मिसाल नहीं मिलती।उन्होंने आगे कहा कि हम इसराईल की और उसकी जानिब से अपने शहरियों और अपने इलाके को हम्मास से महफूज बनाने के रद्द-ए-अमल की हिमायत करते हैं और ये तस्लीम करते हैं। अमरीका पहले ही यूएसएस जेराल्ड आर फोर्ड इस्ट्राईक ग्रुप को मशरिकी बहीरा रुम की तरफ जाने का हुक्म दे चुका है जिसमें अमरीकी बहरीया के जदीद तरीन तय्यारा बर्दार बहरी जहाज, गाईड मीजाईल और पाँच गाईड मिजाईल डेस्टराएरिज शामिल हैं।