✒ लंदन : आईएनएस, इंडिया इसराईली वजीर-ए-आजम नेतन्याहू ने हफ़्ते के रोज ऐलान किया कि फलस्तीनी तंजीम हम्मास के साथ मुल्क हालते जंग में है। हम्मास ने 5 हजार राकेट फायर करके इसराईल पर हमला कर दिया है। फलस्तीनी जमात के अस्करी विंग (सैन्य शाखा) अलकसाम ब्रिगेड ने जमीनी, फिजाई और समुंद्री रास्तों से हमला किया है। याद रहे कि इसराईली फौज और यहूदी आबाद कारों ने 2005 में गजा की पट्टी से इन्खिला (बाहर निकलना) किया था। उसके बाद साल 2008, 2012, 2014 और साल 2021 में इसराईल और गजा की पट्टी के फलस्तीनी धड़ों के दरमयान बड़ी जंगें हो चुकी हैं।
27 दिसंबर 2008
कासट लीड नाम से हुई यह जंग 27 दिसंबर 2008 को हुई थी। इसराईल ने फलस्तीनीयों को इसराईल पर राकेट दागने से रोकने के मकसद से कास्ट लीड के नाम से एक आॅप्रेशन शुरू किया था इसराईल ने गजा के मुकामात पर फिजाई हमलों की मुहिम शुरू की थी। उसी दौरान पियादा दस्तों को भी जंग में लगा दिया गया था। जंग बंदी का ऐलान होने तक 1440 फलस्तीनी जिनमें ज्यादातर आम शहरी थे और 13 इसराईली मारे गए थे।
14 नवंबर 2012
कलाऊड पिलर 14 नवंबर 2012 को इसराईल ने हम्मास के मुसल्लह विंग में मिल्ट्री आॅप्रेशंज के कमांडर अहमद अल जाबरी को कतल कर फौजी कशीदगी शुरू कर दी। इसराईल ने कलाऊड पिलर के नाम से एक आॅप्रेशन किया जो आठ दिन तक जारी रहा। मिस्र की तरफ से स्पांसर करदा जंग बंदी पर अमल दरआमद होने से पहले तक 177 फलस्तीनीयों और छ: ईसराईलीयों की अम्वात रिकार्ड की गईं।
8 जुलाई 2014
प्रोटेक्टिव एज्ज 8 जुलाई 2014 को गजा में आॅप्रेशन प्रोटेक्टिव एज शुरू हुआ जिसका मकसद राकेट फायर को खत्म करना और सर-निगूँ को तबाह करना था। इस आॅप्रेशन के नतीजे में 2251 फलस्तीनी जांबाहक हुए जिनमें ज्यादा-तर आम शहरी थे। 68 फौजीयों समेत 74 इसराईली भी हलाक हो गए।
मई 2021
इलेवन डे वार मई 2021 में इसराईल ने हम्मास की जानिब से फायर किए गए राकेटों के जवाब में एक फौजी मुहिम शुरू की जो 11 दिन जारी रही। इस लड़ाई को इलैवन डे वार का नाम दिया गया। इस लड़ाई में फिजाई हमले और तोपखाने की गोला बारी भी की गई। इससे गजा में 248 अफराद जांबाहक हुए। मरने वालों में 66 बच्चे भी शामिल थे। इसराईल की जानिब एक फौजी समेत 13 अफराद मारे गए।