✒ गजा : आईएनएस, इंडिया इसराईल और हम्मास में सात अक्तूबर से जारी जंग में गजा के अस्पतालों में दवाईयों जरूरी तिब्बी अश्या की शदीद कमी है। उधर बमबारी के सबब जख्मियों की तादाद में मुसलसल इजाफे से सूरत-ए-हाल और खराब होती जा रही है। शहर के एक अस्पताल में खिदमात अंजाम देते हुए डाक्टर नदाल आबिद का कहना था कि जख्मियों को फर्श पर लिटा कर, राहदारी में बिस्तर बिछा कर और दो मरीजों के लिए मखसूस कमरे में 10 जख्मियों के ईलाज की सूरत में तिब्बी इमदाद देने की कोशिश की जा रही है। उनके बाकौल जख्मियों के लिए पट्टी या बैंडेज नहीं हैं जिसकी वजह से उन्हें घरेलु कपड़े इस्तेमाल करने पड़ रहे हैं। उनका मजीद कहना था कि जखमों पर लगाए जाने वाले मरहम (एटी सेप्टिक) खत्म हो चुके हैं, इसलिए जख्मों पर ‘सिरका’ लगाया जा रहा है। डाक्टर नदाल आबिद ने बताया कि तिब्बी अमला (मेडिकल टीम) जख्मों पर टाँके लगाने वाली मखसूस सूइयों (सर्जीकल नीडल्ज) की जगह कपड़े सीने वाली सुई इस्तिमाल करने पर मजबूर हैं।
इसराईल पर गजा की अस्करी तंजीम (सैन्य संगठन) हम्मास की जानिब से सात अक्तूबर को जमीनी, फिजाई और बहरी रास्तों से एक साथ किए गए अचानक हमले में 1400 से जाइद इसराईली हलाक हुए थे। हम्मास के हमलों के जवाब में इसराईल ने गजा की मुकम्मल नाका बंदी करके बमबारी शुरू कर दी। दो हफ़्ते से जाइद से जारी नाकाबंदी और बमबारी से गजा में जरूरी चीजों की किल्लत हो रही है। इसके साथ ही जख्मियों के इलाज में मुश्किल पेश आ रही है। लग•ाग दो हफ़्तों से ईंधन, बिजली की फराहमी और खुराक समेत दीगर जरूरीयात की तरसील (सप्लाई) बंद है। जख्मियों और दीगर बीमारों के ईलाज में इस्तिमाल होने वाले सामान के अलावा साफ पानी की •ाी शदीद कमी है। जख्मियों को इन्फेक्शन से बचाने के लिए इस्तेमाल होने वाली जरूरी दवाईयां खत्म हो चुकी है।
अस्पतालों के जैनरेटर्ज के लिए ईंधन खत्म होने के करीब पहुंच चुका है। डाक्टर नदाल आबिद ने अल-कूदस अस्पताल से न्यूज एजेंसी से गुफ़्तगु में बताया कि तिब्बी अमले के पास हर चीज की कमी है, जबकि वो इस दौरान इंतिहाई पेचीदा सर्जरियों से •ाी निमट रहे हैं।
इसराईली फौज की तरफ से जुमे को मुतअद्दिद तिब्बी मराकज खाली करने के अहकामात सामने आए थे। लेकिन इन्खिला (निकास) के हुक्म के बावजूद तिब्बी मर्कज अब •ाी सैंकड़ों जख्मियों व मरीजों के ईलाज में मसरूफ हैं। जंग और बमबारी से गजा की नसफ (आधी) आबादी बे-घर हो चुकी हैं जिनमें लग•ाग दस हजार फलस्तीनी •ाी अस्पताल के अहाते में पनाह लिए हुए हैं। अल-कूदस अस्पताल के सर्जन डाक्टर नदाल आबिद के बाकौल ‘यहां से निकलने का कोई रास्ता नहीं है।’ गजा के शिफा अस्पताल के जनरल डायरेक्टर मुहम्मद अब्बू सलमया का कहना था कि शिफा में 700 मरीजों के ईलाज की गुंजाइश है। लेकिन फिलहाल यहां पाँच हजार से जाइद अफराद का इलाज किया जा रहा है। डाक्टर जख्मियों और ईलाज के लिए आए हुए अफराद से •ारी राह दारीयों में कराहते हुए मरीजों के दरम्यान खिदमात अंजाम दे रहे हैं। अस्पतालों में ऐसे छोटे बच्चों को •ाी इंतिहाई निगहदाशत के वार्डज में लाया जा रहा है, जिनके साथ उनके खानदान का कोई फर्द नहीं होता, क्योंकि बमबारी में निशाना बनने के सबब उनमें से कोई •ाी जिंदा नहीं होता।
डाक्टर नदाल आबिद कहते हैं कि ये हालात उनको सकते की सी कैफीयत में मुबतला कर देते हैं। दूसरी जानिब अक़्वाम-ए-मुत्तहदा ने कहा है कि गजा में रफा क्रासिंग के जरीया •ोजी गई इबतिदाई इमदाद गजा में दरकार जरूरीयात के मुकाबले में इंतिहाई कम है। आलमी इदारे की पाँच एजेंसियों ने एक मुशतर्का बयान में कहा है कि हफ़्ते के दिन गजा में 20 ट्रकों में दाखिल होने वाली इमदाद सिर्फ एक छोटा सा आगाज है और ये काफी नहीं है। इन पांचों एजेंसियों ने इन्सानी बुनियादों पर जंग बंद करने और आम शहरीयों तक महफूज रसाई पर-जोर दिया ताकि इन्सानी जानों को बचाने और मजीद मसाइब को रोकने की कोशिश की जा सके। बयान के मुताबिक गजा में ताजा-तरीन तनाजा से कब्ल ही बदतर इन्सानी सूरत-ए-हाल थी। अब हालात तबाहकुन हो गए हैं। दुनिया को मजीद कुछ करना चाहिए। ये मुशतर्का बयान अकवाम-ए-मुत्तहिदा के तरक़्कीयाती प्रोग्राम (यूएनडीपी), यूएन पापूलेशन फंड (यूएनएफपीए), यूएन चिल्डर्न फंड (यूनीसेफ), वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डब्लयूएफपी) और वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (डब्लयूएचओ) की जानिब से जारी किया गया। इन पांचों इदारों ने अपील की है कि पीने का साफ पानी, खुराक और ईंधन •ाी गजा आने दिया जाए। इन्सानी हमदर्दी के तहत एक इमदादी काफिला हफ़्ते की सुबह मिस्र के साथ वाके रफा बॉर्डर की राहदारी के जरीये गजा में दाखिल हुआ था। अमरीका के सदर जो बाईडन ने गुजिशता हफ़्ते तेल अबीब में इसराईल के वजीर-ए-आजम बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात के बाद ऐलान किया था कि गजा में रफा के जरीया इमदाद की इजाजत दे दी गई है। इसराईल का कहना है कि इमदाद अस्करीयत पसंद तंजीम हम्मास के हाथ नहीं लगनी चाहिए।