✒ गाजा :: आईएनएस, इंडिया
फलस्तीन के इलाके गजा की पट्टी में महकमा-ए-सेहत ने खबरदार किया कि हस्पतालों में मौजूद ईंधन चंद घंटों में खत्म हो जाएगा, जिससे पट्टी मुकम्मल तारीकी में डूब जाएगी और शहरीयों को बुनियादी जिंदगी की खिदमात फराहम करना नामुमकिन हो जाएगा। एनर्जी अथार्टी के सरबराह जाफिर मुल्हिम ने बुध को बताया कि गाजा इलेक्ट्रिसिटी कंपनी का ईंधन का जखीरा ज्यादा से ज्यादा सिर्फ दस से बारह घंटे के लिए काफी है।
इसराईल ने पीर के रोज गाजा की पट्टी को बिजली की सप्लाई मुनकते कर दी जिसे उसने हम्मास के अचानक और बड़े पैमाने पर हमले के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करार दिया था। फलस्तीनी वजीर-ए-सेहत ने बुध के रोज खबरदार किया कि गाजा की पट्टी के हस्पतालों में बिजली के जनरेटर्ज को चलाने के लिए दरकार ईंधन का जखीरा कल खत्म हो जाएगा। वजीर ने दिए गए बयानात में कहा कि ये मुआमला हस्पतालों में उन हालात को मजीद बिगाड़ देगा, जिन्हें उन्होंने तबाहकुन करार दिया है। गाजा में वजारत-ए-सेहत ने कहा कि ईंधन के करीब-करीब खत्म होने की वजह से उसके मुतअद्दिद इदारों के काम बंद करने का खतरा है।
वजारत-ए-सेहत ने तमाम मुताल्लिका फरीकों से अपील की कि वो हस्पतालों में ईंधन और अदवियात (दवाईयों) की कमी को पूरा करने के लिए जरूरी ईंधन फराहम करें। इस शोबे के सरकारी मीडीया आॅफिस ने एक बयान जारी किया है, जिसमें उसने कहा है गाजा में जारी जंग के बाइस इलाके में इन्सानी अलमीया रौनुमा होने का अंदेशा है। बयान में कहा गया है कि जंग के नतीजे में 2.3 मिलियन से ज्यादा लोगों की जिंदगीयों को खतरात लाहक हैं।
बुध की सुबह गाजा में बिजली की तकसीम-ए-कार कंपनी ने 133 नंबर के जरीये कंपनी के इन्फार्मेशन सेंटर सिस्टम में अचानक बंद होने के बारे में एक अहम नोटिस जारी किया। इस हफ़्ते के शुरू में इसराईली वजारत तवानाई ने आॅप्रेशन तूफान अल-अकसा के आगाज के बाद गाजा की पट्टी के लिए मुखतस बिजली की सप्लाई बंद करने का ऐलान किया था।
इस वक़्त गाजा की पट्टी में तवानाई (ऊर्जा) के सिर्फ दो जराइआ हैं। एक मकबूजा इलाकों से गुजरने वाली इसराईली लाइनें, जो आम तौर पर 120 मैगावाट से ज्यादा बिजली फराहम करती हैं। उसके अलावा दूसरा जरीया मुकामी जनरेटिंग स्टेशन जो 65 से 120 मैगावाट के दरमयान बिजली पैदा करते हैं। गाजा में वजारत-ए-सेहत के तर्जुमान अशरफ अलकदरा ने इसराईल पर इल्जाम लगाया कि वो जान-बूझ कर तिब्बी अमले, हस्पतालों और एम्बूलेंसों को निशाना बना रहा है। फलस्तीनी न्यूज एजेंसी ने उनके हवाले से बताया कि मेडिकल टीमें खतरनाक और गैर महफूज हालात में काम करती हैं। इसराईली फौज सोचे समझे मंसूबे के तहत उन्हें निशाना बना रहा है।
इस ख्याल का इजहार निगरां वफाकी वजीर-ए-इत्तलात-ओ-नशरियात (सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय) मुर्तजा सोलनगी ने बुध के रोज इस्लामाबाद में वफाकी काबीना के इजलास के बाद फवाद हसन फवाद के हमराह मीडीया को ब्रीफिंग देते हुए किया। निगरां वफाकी वजीर-ए-इत्तलात ने कहा कि निगरां वजीर-ए-आजम अनवार उल-हक की जेरे सदारत निगरां वफाकी काबीना के इजलास में गाजा में इसराईल की जानिब से निहत्ते फलस्तीनीयों बिलखसूस शहरी आबादी पर बमबारी की शदीद अलफाज में मुजम्मत की गई है।
काबीना ने इसराईल की जानिब से गाजा के घेराव के नतीजे में पैदा होने वाली संजीदा सूरत-ए-हाल, खुराक और पानी की शदीद किल्लत जैसे मसाइल पर गहिरी तशवीश का इजहार किया है। उन्होंने कहा कि निगरां वफाकी काबीना ने मुत्तफिका तौर पर इस बात पर जोर दिया कि मकबूजा फलस्तीन में हालिया कशीदगी इसराईल की जानिब से सात दहाईयों पर मुहीत नाजायज कब्जे, निहत्ते फलस्तीनीयों पर जुल्म और अकवाम-ए-मुत्तहिदा सिक्योरिटी काउंसिल की करारदादों की खुल्लम खुल्ला खिलाफ वरजीयों का नतीजा है। काबीना ने मुतालिबा किया कि फौरी तौर पर गाजा में फलस्तीनीयों पर जारी बमबारी रोकी जाए और नाजायज मुहासिरे को खत्म कर मुतास्सिरीन तक बैन-उल-अकवामी इमदाद को पहुंचने दिया जाए।
निगरां वफाकी वजीर-ए-इत्तलात ने कहा कि काबीना ने हकूमत-ए-पाकिस्तान के उसूली मौकिफ का इआदा किया कि मसला फलस्तीन को अकवाम-ए-मुत्तहिदा की करारदादों और फलस्तीनी अवाम की उमंगों के मुताबिक हल कर के एक आजाद फलस्तीनी रियासत का कियाम अमल में लाया जाए जिसकी सरहदें 1967 में इसराईल के गासिबाना कब्जे से पहले के मुताबिक हो।
वजारत-ए-सेहत ने तमाम मुताल्लिका फरीकों से अपील की कि वो हस्पतालों में ईंधन और अदवियात (दवाईयों) की कमी को पूरा करने के लिए जरूरी ईंधन फराहम करें। इस शोबे के सरकारी मीडीया आॅफिस ने एक बयान जारी किया है, जिसमें उसने कहा है गाजा में जारी जंग के बाइस इलाके में इन्सानी अलमीया रौनुमा होने का अंदेशा है। बयान में कहा गया है कि जंग के नतीजे में 2.3 मिलियन से ज्यादा लोगों की जिंदगीयों को खतरात लाहक हैं।
बुध की सुबह गाजा में बिजली की तकसीम-ए-कार कंपनी ने 133 नंबर के जरीये कंपनी के इन्फार्मेशन सेंटर सिस्टम में अचानक बंद होने के बारे में एक अहम नोटिस जारी किया। इस हफ़्ते के शुरू में इसराईली वजारत तवानाई ने आॅप्रेशन तूफान अल-अकसा के आगाज के बाद गाजा की पट्टी के लिए मुखतस बिजली की सप्लाई बंद करने का ऐलान किया था।
इस वक़्त गाजा की पट्टी में तवानाई (ऊर्जा) के सिर्फ दो जराइआ हैं। एक मकबूजा इलाकों से गुजरने वाली इसराईली लाइनें, जो आम तौर पर 120 मैगावाट से ज्यादा बिजली फराहम करती हैं। उसके अलावा दूसरा जरीया मुकामी जनरेटिंग स्टेशन जो 65 से 120 मैगावाट के दरमयान बिजली पैदा करते हैं। गाजा में वजारत-ए-सेहत के तर्जुमान अशरफ अलकदरा ने इसराईल पर इल्जाम लगाया कि वो जान-बूझ कर तिब्बी अमले, हस्पतालों और एम्बूलेंसों को निशाना बना रहा है। फलस्तीनी न्यूज एजेंसी ने उनके हवाले से बताया कि मेडिकल टीमें खतरनाक और गैर महफूज हालात में काम करती हैं। इसराईली फौज सोचे समझे मंसूबे के तहत उन्हें निशाना बना रहा है।
पाकिस्तान वफाकी काबीना का गाजा में बमबारी रुकवाने का मुतालिबा
इस्लामाबाद : निगरां वफाकी काबीना ने गाजा में निहत्ते फलस्तीनीयों पर इसराईली बमबारी की शदीद अलफाज में मुजम्मत करते हुए मुतालिबा किया है कि गाजा पर इसराईली बमबारी फौरी तौर पर बंद की जाए। मसला फलस्तीन को अकवाम-ए-मुत्तहिदा की करारदादों के मुताबिक हल किया जाए और फलस्तीन की 1967 से पहले की हैसियत बहाल की जाए।इस ख्याल का इजहार निगरां वफाकी वजीर-ए-इत्तलात-ओ-नशरियात (सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय) मुर्तजा सोलनगी ने बुध के रोज इस्लामाबाद में वफाकी काबीना के इजलास के बाद फवाद हसन फवाद के हमराह मीडीया को ब्रीफिंग देते हुए किया। निगरां वफाकी वजीर-ए-इत्तलात ने कहा कि निगरां वजीर-ए-आजम अनवार उल-हक की जेरे सदारत निगरां वफाकी काबीना के इजलास में गाजा में इसराईल की जानिब से निहत्ते फलस्तीनीयों बिलखसूस शहरी आबादी पर बमबारी की शदीद अलफाज में मुजम्मत की गई है।
काबीना ने इसराईल की जानिब से गाजा के घेराव के नतीजे में पैदा होने वाली संजीदा सूरत-ए-हाल, खुराक और पानी की शदीद किल्लत जैसे मसाइल पर गहिरी तशवीश का इजहार किया है। उन्होंने कहा कि निगरां वफाकी काबीना ने मुत्तफिका तौर पर इस बात पर जोर दिया कि मकबूजा फलस्तीन में हालिया कशीदगी इसराईल की जानिब से सात दहाईयों पर मुहीत नाजायज कब्जे, निहत्ते फलस्तीनीयों पर जुल्म और अकवाम-ए-मुत्तहिदा सिक्योरिटी काउंसिल की करारदादों की खुल्लम खुल्ला खिलाफ वरजीयों का नतीजा है। काबीना ने मुतालिबा किया कि फौरी तौर पर गाजा में फलस्तीनीयों पर जारी बमबारी रोकी जाए और नाजायज मुहासिरे को खत्म कर मुतास्सिरीन तक बैन-उल-अकवामी इमदाद को पहुंचने दिया जाए।
निगरां वफाकी वजीर-ए-इत्तलात ने कहा कि काबीना ने हकूमत-ए-पाकिस्तान के उसूली मौकिफ का इआदा किया कि मसला फलस्तीन को अकवाम-ए-मुत्तहिदा की करारदादों और फलस्तीनी अवाम की उमंगों के मुताबिक हल कर के एक आजाद फलस्तीनी रियासत का कियाम अमल में लाया जाए जिसकी सरहदें 1967 में इसराईल के गासिबाना कब्जे से पहले के मुताबिक हो।