✒ गाजा : आईएनएस, इंडियाअकवाम-ए-मुत्तहिदा (संयुक्त राष्ट्र) के इदारे वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डब्लयूएफपी) के तर्जुमान ने बताया कि गाजा की सूरत-ए-हाल तबाहकुन हो गई है। वहां खुराक, पानी और बिजली की फराहमी मुसलसल कम होती जा रही है। अकवाम-ए-मुत्तहिदा के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के फलस्तीन कन्ट्री आॅफिस में कम्यूनीकेशन और इन्फार्मेशन मैनिजमेंट की सरबराह आलीया जकी ने कहा कि गाजा में खुराक, पानी और बिजली खत्म होने के दहाने पर है और सूरत-ए-हाल तबाहकुन हो गई है।
हफ़्ता 7 अक्तूबर को अलस्सुबह फलस्तीनी तंजीम हम्मास ने गाजा से गैर मुतवक़्के तौर पर इसराईल पर हमला कर दिया था। जंग पांचवें रोज भी जारी रही। इसराईल की जानिब से गाजा पर खौफनाक बमबारी की जा रही है। गाजा की मुकम्मल नाकाबंदी कर दी गई है। गाजा की जानिब खुराक, पानी और बिजली की तरसील रोक दी गई है।
उन्होंने कहा, गाजा में तबाहशूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर ने खुराक की पैदावार और दुकानों और बैकरियों में खुराक की तकसीम में शदीद रुकावटें खड़ी कर दी है। डब्लयूएफपी इस सूरत-ए-हाल को मॉनीटर कर रहा है। डब्लयूएफपी के जेरे निगरानी आधी दुकानों और बैकरियों में एक हफ़्ते के अंदर खाना खत्म हो जाएगा। वो अफराद, जो अब भी काम कर रहे हैं, उनको भी बिजली की बार-बार बंदिश से खुराक के खराब हो जाने की सूरत-ए-हाल का सामना है। अकवाम-ए-मुत्तहिदा के अंदाजे के मुताबिक गाजा की 80 फीसद से ज्यादा आबादी पहले ही गुर्बत की जिंदगी गुजार रही है।
बुध की दोपहर गाजा की बिजली की अथार्टी की तरफ से एक ऐलान देखा गया जिसमें कहा गया था कि एनक्लेव के वाहिद पावर प्लांट में ईंधन खत्म हो गया और उसके बाद काम बंद हो गया है। पावर अथार्टी के सरबराह जलाल इस्माईल ने एक बयान में कहा कि गाजा की पट्टी में वाहिद पावर प्लांट ने दोपहर 2 बजे यानी जीएमिटी वक़्त के मुताबिक 1100 बजे काम करना बंद कर दिया था। उन्होंने कहा, रिहायशी अब भी बिजली के लिए पावर जनरेटर इस्तिमाल कर सकते हैं ताहम सरहद के तमाम एतराफ में इसराईल की नाकाबंदी की वजह से उन जैनरेटर्ज को चलाने के लिए जरूरी ईंधन जल्द ही खत्म होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिजली की सप्लाई मुकम्मल तौर पर मुनकते (बंद) करने से गाजा के लोगों को खुराक के बहुत कम जखीरा को नुक़्सान पहुँचेगा।
बिजली की बार-बार बंदिश और कनेक्टीवीटी के मसाइल भी शहर में डब्लयूएफपी के कामों में रुकावट डालेंगे। जकी के मुताबिक डब्लयूएफपी ने पहले ही गाजा और मगरिबी किनारे के 8 लाख से ज्यादा लोग, जो खुराक, पानी और जरूरी सामान तक रसाई से महरूम हैं, को खुराक की एक अहम लाइफलाइन फराहम करने के लिए एक हंगामी आॅप्रेशन शुरू कर दिया है। खाने के लिए तैयार ताजा रोटी और डिब्बा बंद खाना एक लाख 37 हजार बे-घर गजा के बाशिंदों को पहुंचा दिया गया है। ये अफराद अनर्वा की पनाह गाहों में पनाह की तलाश में हैं।
डब्लयूएफपी ने एक लाख 64 हजार लोगों को अपने इलेक्ट्रॉनिक वाउचरज में हंगामी कैश टापअप भी फराहम कराया है, जिसे वो मुकामी दुकानों से खाना खरीदने के लिए इस्तिमाल कर सकते हैं। ताहम तकरीबन एक लाख 75 हजार बे-घर अफराद गाजा की पट्टी में अनर्वा के 88 स्कूलों में पनाह की तलाश में हैं। उनकी तादाद में इजाफा मुतवक़्के है क्योंकि इसराईली फिजाई हमले बदस्तूर जारी हैं।
उन्होंने बताया कि जल्द ही हमारा पहले से रखा हुआ खाने का जखीरा और वसाइल खत्म हो जाएंगे। स्वीडन और डेनमार्क समेत मुतअद्दिद ममालिक ने कहा है कि वो हम्मास के इसराईल पर अचानक हमले के बाद फलस्तीनी इलाकों की इमदाद रोक देंगे। इस हफ़्ते के शुरू में वसीअ पैमाने पर तन्कीद के बाद योरपी कमीशन अपने इस ऐलान से पीछे हट गया कि वो महसूर शहर की इमदाद मुअत्तल कर देगा। योरपी कमीशन की पसपाई उस वक़्त हुई, जब नार्वे, स्पेन, और कई दीगर मुल्कों और इन्सानी हुकूक ग्रुप ने खबरदार किया है कि गाजा की पहले से संगीन सूरत-ए-हाल इमदाद मुअत्तली की वजह से मजीद बिगड़ जाएगी। जकी ने कहा कि डब्लयूएफपी गाजा में इमदाद पहुंचाने के लिए इन्सानी हमदर्दी की बुनियाद पर राहदारियों को खोलने का मुतालिबा करता है। सरहदों को खुला रखा जाए और उसे गोला बारी से महफूज रखा जाना भी जरूरी है।
गाजा की पट्टी के तमाम हस्पतालों में जख्मियों की भीड़, दवाईयों खत्म होने के करीब
गजा की पट्टी में वजारत-ए-सेहत के अंडर सेक्रेटरी यूसुफ अब्बू अलरीश ने बुध को कहा है कि पट्टी में तमाम हस्पतालों के बिस्तर भर गए हैं। अब्बू अलरीश ने फेसबुक पर वजारत की तरफ से शाइआ होने वाले बयानात में मजीद कहा कि अदवियात (दवाईयां) और तिब्बी सामान भी कम हो रहा है। वजारत-ए-सेहत ने ऐलान किया है कि इसराईली हमलों में हलाक होने वाले फलस्तीनीयों की तादाद बढ़कर 1,055 हो गई है और 5,148 जखमी हुए हैं। दूसरी तरफ फलस्तीनी वजारत-ए-सेहत ने इत्तिला दी है कि गाजा की पट्टी पर इसराईली बमबारी के नतीजे में हलाक और जखमी होने वाले फलस्तीनीयों में से कम अज कम 60 फीसद खवातीन और बच्चे थे।वजारत-ए-सेहत ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि गाजा में कम अज कम 60 फीसद मुतास्सिरीन खवातीन और बच्चे हैं। मंगल को गाजा की पट्टी पर सैंकड़ों इसराईली फिजाई हमलों के नतीजे में 30 से जाइद अफराद हलाक और सैकड़ों जखमी हुए। गाजा में सरकारी इन्फार्मेशन आॅफिस के सरबराह सलामा मारूफ ने एएफपी को बताया कि बमबारी सुबह तक जारी रही जिसमें दर्जनों रिहायशी इमारतों, फैक्ट्रियों, मसाजिद और दुकानों को निशाना बनाया गया। इसराईली फौज ने तसदीक की है कि उसने रात-भर हम्मास के मुतअद्दिद ठिकानों को निशाना बनाया। गाजा की पट्टी में वजारत-ए-सेहत ने ऐलान किया है कि इसराईली बमबारी के नतीजे में 950 शहरी शहीद जखमी हुए हैं। सलामा मारूफ ने कहा कि गाजा की पट्टी को इन्सानी अलमीए का सामना है। ईंधन की कमी की वजह से पावर प्लांट मुकम्मल तौर पर बंद हो गया है। जिंदगी की तमाम बुनियादी खिदमात की फराहमी जारी रखना नामुमकिन है। उन्होंने मजीद कहा कि गाजा की पट्टी में हम्मास के जेर-ए-इंतजाम हुकूमत ने आलमी बिरादरी और इन्सानी और इमदादी तन्जीमों से इंतिहाई हंगामी अपील की है ताकि इन्सानी अलमीए को रोकने के लिए फौरी इकदामात किए जा सकें।