Top News

90 फीसदी मुस्लमानों वाले मुल्क आजरबाईजान ने इसराईल का साथ देने की बात कही

लंदन : आईएनएस, इंडिया 

आजरबाईजान एक ऐसा मुल्क है, जहां 90 फीसद से ज्यादा आबादी मुस्लमान है, ने इसराईल के साथ यकजहती का इजहार किया है। आजर बाईजान के एक रुक्न पार्लियामेंट ने अमरीकन न्यूज एजेंसी से करते हुए कहा कि, हम ऐसे हमलों की सख़्ती से मुजम्मत करते हैं जिनके नतीजे में आम शहरीयों की एक बड़ी तादाद हलाक और जखमी हुई है। उन्होंने आगे कहा कि मुश्किल की इस घड़ी में हम इसराईल के साथ खड़े हैं। 
    उन्होंने कहा कि 1991 में अपनी आजादी दुबारा हासिल करने के बाद से आजर बाईजान के ताल्लुकात इसराईल के साथ आहिस्ता-आहिस्ता मजबूत हुए हैं, जो गुजश्ता तीन अशरों में एक स्ट्रेटेजिक इत्तिहाद की शक्ल इखतियार कर गए हैं। हालिया महीनों में इसराईल सदर आइजक हरजूग, वजीर-ए-खारजा अली कोहन और वजीर-ए-दिफा योफ गीलंट ने आजर बाईजान के दौरे किए हैं जिन्हें बहुत से मुबस्सिरीन सिक्योरिटी और इकतिसादी मुफादात पर कायम एक मुसलसल शराकतदारी के तौर पर देखते हैं। आजर बाईजान के लिए अरबों डालर की लागत के जदीद हथियारों की एक बड़ी तादाद की फरोखत ने इसराईल को आजर बाईजान को हथियारों का एक अहम सप्लायर बना दिया है। मुबस्सिरीन का कहना है कि इसराईल की जानिब से मुख़्तलिफ किस्म के ड्रोन्ज और एक फिजाई दिफाई निजाम की फौजी मुआवनत ने आजरबाईजान की फौज को 2020 और इसके बाद आरमीनीया की फोर्सिज पर फौजी कामयाबी दिलवाने में एक अहम किरदार अदा किया था। 
    हम्मास अस्करीयत पसंदों के इसराईल पर अचानक हमले के एक रोज बाद, इतवार को मरने वालों के लिए हमदर्दी के इजहार के तौर पर आजर बाईजान में इसराईली सिफारत खाने के गेट के बाहर के अहाते को फूलों और टेडी बियर से सजाया गया था। इसराईली सफीर (दूत) ने सोशल मीडिया पर तारीख के इस तारीक वक़्त में अपने तशक्कुर का इजहार किया। जॉर्ज डैक ने लिखा, दोस्ती के इस दिली इजहार पर आजर बाईजान के लोगों का शुक्रिया। आजर बाईजान की वजारत-ए-खारजा ने एक सरकारी बयान में, जो हमलों के कई घंटों बाद सामने आया, कहा कि इसराईल-फलस्तीन तनाजे के जोन में शहरियों के खिलाफ तशद्दुद की मुजम्मत करते हैं। हम इसराईल और गाजा की पट्टी, दोनों जगह बहुत से शहरीयों की जिंदगीयों के नुक़्सान पर ताजियत का इजहार करते हैं। 
    हम सूरते हाल की कशीदगी में फौरी तौर पर कमी चाहते हैं। ताहम आजर बायजानी जजबात को इसराईल नवाज जजबात के तौर पर बयान करना भी दुरुस्त नहीं होगा। उसके मकीनों की एक बड़ी तादाद मगरिबी किनारे और गाजा में फलस्तीनीयों की हालत-ए-जार पर हमदर्दी का इजहार करती है। 
    इन्सानी हुकूक के सर-गर्म कारकुन इसराईल की सिक्योरिटी पालिसी पर तहफ़्फुजात का इजहार कर चुके हैं, जिसके बारे में उनका कहना है कि वो बाज औकात जमहूरी इकदार और इन्सानी हुकूक को नजरअंदाज करती है। एक सर-गर्म कारकुन रुस्तम इस्माईल बेली ने कहा, कि ये हकीकत कि आज ये तनाजा इंतिहापसंद बुनियाद परस्त हम्मास और इसराईल की इंतिहाई दाएं बाजू की हुकूमत के दरमयान महाज आराई की शक्ल इखतियार कर गया है जो गुजिश्ता 30 बरसों के हालात का नतीजा है। गाजा में हालात के बिगाड़ में इजाफे के बावजूद, आजर बाईजान और इसराईल बजाहिर उस स्ट्रैटजिक शराकतदारी को मजबूत करने के लिए पुर अज्म दिखाई देते हैं, जो दोनों को मुसलसल फायदा पहुंचाती है।


Post a Comment

if you have any suggetion, please write me

और नया पुराने