इसराईल : इमाम मस्जिद का कत्ल, बड़ी तादाद में सड़कों पर निकल आए लोग

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File Photo

✒ मकबूजा बैतुल-मुकद्दस : आईएनएस, इंडिया
 
1948 ईसवी में इसराईल के जेरे तसल्लुत अरब इलाकों में जुर्म की शरह बढ़ रही है। उसी तनाजुर (सिलसिले) में इसराईल में मौजूद इन अरब इलाकों में इमाम मस्जिद शेख समीअ अलमसरी को कतल कर दिया गया। मारूफ शख़्सियत के कतल के खिलाफ अरब आबादी ने जबरदस्त एहतिजाज किया। 
    इसराईल में अरब अवाम के लिए सु΄ा्रीम फॉलो अ΄ा कमेटी और मुकामी अथार्टी के सरबराहों की कौमी कमेटी ने गुजिश्ता इतवार को तमाम अरब इलाकों में आम हड़ताल का ऐलान किया था। मंगल को शेख समीअ अलमसरी के नमाज-ए-जुमा के इजतिमा को मुजाहिरे में तबदील कर दिया गया और मर्कजी शाहराहों को बंद कर दिया गया था। मुनज्जम जराइम में इजाफे के तनाजुर में बताया गया है कि अब तक तकरीबन 170 अरब अफराद बढ़ती मुजरिमाना कार्यवाईयों से मुतास्सिर हुए हैं। 
    कुफ्रÞ कुर्रा म्यूंसि΄ाल्टी के हेड क्वाटर्रज में होने वाले इजलास में बताया गया कि जुमा और सनीचर के दौरान 24 घंटों में 3 अफराद को कत्ल किया गया। उसके नतीजे में आम और जामा हड़ताल का ऐलान किया गया। मीटिंग में फॉलो अ΄ा कमेटी के अरकान, उसके चेयरमैन मुहम्मद बुराक, अरब मुकामी अथार्टीज के सरबराहान के लिए कौमी कमेटी के सरबराह, वकील मुदस्सर यूनुस, कुफ्रÞ कुर्रा के मेयर फरास बदी, कई मेयरज, सरबराहान, तमाम सियासी जमातें, मसाजिद के इमाम और मकबूल कमेटीयों के रहनुमाओं ने शिरकत की। 
    फॉलो अ΄ा कमेटी के सरबराह मुहम्मद बुराक ने कहा कि ये उन मुश्किल मीटिंगों में से एक है, जो बार-बार हो चुकी हैं। इस इजलास में शिरकत करने वालों के लिए भी मुश्किल है। हम शेख समीअ अलमसरी के अहल-ए-खाना और इजलास में मौजूद उनके बेटे से ताजियत करते हैं। उन्होंने मजीद कहा कि जराइम के दायरे को मजीद वुसअत देने के लिए इसराईली आमिराना साजिÞशों में इजाफा हो रहा है। ΄ाहले से कहीं ज्यादा बैन-उल-अकवामी इदारों से मुतालिबा करते हैं कि वो इसराईली हुकूमत और उसकी एजेंसियों के खिलाफ इकदामात करें। उन्होंने वजाहत की कि इजलास में बहुत सी तजावीज शामिल की गईं, जिनमें वो तजावीज भी शामिल हैं, जिन ΄ार अमल दरआमद के लिए गहराई से तहकीक की जरूरत है। इजलास में वसीअ (लंबी) बहस के बाद कई फैसले किए गए जिनमें अवाम से आम हड़ताल की काल भी शामिल है। साथ ही स्कूलों को भी हड़ताल में शामिल करने और एक बड़ा मार्च करने का फैसला भी शामिल है। 
    फॉलो अ΄ा कमेटी ने ΄ोरेंट्स कमेटियों, ΄ाा΄ाूलर कमेटियों और फॉलो अ΄ा कमेटी के जिलो से भी मुतालिबा किया कि वो आम हड़ताल को कामयाब बनाने में अ΄ाना किरदार अदा करें। याद रहे मुनज्जम जराइम का शिकार होने वाले अरब अम्वात की तादाद 160 से तजावुज कर गई है जिनमें 9 खवातीन,10 बच्चे और मुतअद्दिद उलमा, दानिश्वर, माहिरीन तालीम और मुकामी हुक्काम शामिल हैं। 12 सौ से ज्यादा अरब अफराद जखमी भी हुए हैं।

    1948 ईसवी में इसराईल के जेरे तसल्लुत अरब इलाकों में जुर्म की शरह बढ़ रही है। उसी तनाजुर (सिलसिले) में इसराईल में मौजूद इन अरब इलाकों में इमाम मस्जिद शेख समीअ अलमसरी को कतल कर दिया गया। मारूफ शख़्सियत के कतल के खिलाफ अरब आबादी ने जबरदस्त एहतिजाज किया। 
    इसराईल में अरब अवाम के लिए सु΄ा्रीम फॉलो अ΄ा कमेटी और मुकामी अथार्टी के सरबराहों की कौमी कमेटी ने गुजिश्ता इतवार को तमाम अरब इलाकों में आम हड़ताल का ऐलान किया था। मंगल को शेख समीअ अलमसरी के नमाज-ए-जुमा के इजतिमा को मुजाहिरे में तबदील कर दिया गया और मर्कजी शाहराहों को बंद कर दिया गया था। मुनज्जम जराइम में इजाफे के तनाजुर में बताया गया है कि अब तक तकरीबन 170 अरब अफराद बढ़ती मुजरिमाना कार्यवाईयों से मुतास्सिर हुए हैं। 
    कुफ्रÞ कुर्रा म्यूंसि΄ाल्टी के हेड क्वाटर्रज में होने वाले इजलास में बताया गया कि जुमा और सनीचर के दौरान 24 घंटों में 3 अफराद को कत्ल किया गया। उसके नतीजे में आम और जामा हड़ताल का ऐलान किया गया। मीटिंग में फॉलो अ΄ा कमेटी के अरकान, उसके चेयरमैन मुहम्मद बुराक, अरब मुकामी अथार्टीज के सरबराहान के लिए कौमी कमेटी के सरबराह, वकील मुदस्सर यूनुस, कुफ्रÞ कुर्रा के मेयर फरास बदी, कई मेयरज, सरबराहान, तमाम सियासी जमातें, मसाजिद के इमाम और मकबूल कमेटीयों के रहनुमाओं ने शिरकत की। 
    फॉलो अ΄ा कमेटी के सरबराह मुहम्मद बुराक ने कहा कि ये उन मुश्किल मीटिंगों में से एक है, जो बार-बार हो चुकी हैं। इस इजलास में शिरकत करने वालों के लिए भी मुश्किल है। हम शेख समीअ अलमसरी के अहल-ए-खाना और इजलास में मौजूद उनके बेटे से ताजियत करते हैं। उन्होंने मजीद कहा कि जराइम के दायरे को मजीद वुसअत देने के लिए इसराईली आमिराना साजिÞशों में इजाफा हो रहा है। ΄ाहले से कहीं ज्यादा बैन-उल-अकवामी इदारों से मुतालिबा करते हैं कि वो इसराईली हुकूमत और उसकी एजेंसियों के खिलाफ इकदामात करें। उन्होंने वजाहत की कि इजलास में बहुत सी तजावीज शामिल की गईं, जिनमें वो तजावीज भी शामिल हैं, जिन ΄ार अमल दरआमद के लिए गहराई से तहकीक की जरूरत है। इजलास में वसीअ (लंबी) बहस के बाद कई फैसले किए गए जिनमें अवाम से आम हड़ताल की काल भी शामिल है। साथ ही स्कूलों को भी हड़ताल में शामिल करने और एक बड़ा मार्च करने का फैसला भी शामिल है। 
    फॉलो अ΄ा कमेटी ने ΄ोरेंट्स कमेटियों, ΄ाा΄ाूलर कमेटियों और फॉलो अ΄ा कमेटी के जिलो से भी मुतालिबा किया कि वो आम हड़ताल को कामयाब बनाने में अ΄ाना किरदार अदा करें। याद रहे मुनज्जम जराइम का शिकार होने वाले अरब अम्वात की तादाद 160 से तजावुज कर गई है जिनमें 9 खवातीन,10 बच्चे और मुतअद्दिद उलमा, दानिश्वर, माहिरीन तालीम और मुकामी हुक्काम शामिल हैं। 12 सौ से ज्यादा अरब अफराद जखमी भी हुए हैं।


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