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कुरआन-ए-पाक में जिन पौधों का जिक्र है, दुनिया के मशहूर बाग में उन पौधों की हुई नुमाईश

25 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
इतवार, 13 अगस्त, 2023
अकवाले जरीं
‘अल्लाह के जिक्र के बिना ज्यादा बातें न किया करो, ज्यादा बातें करना दिल की कसादत (सख्ती) का सबब बनता है और सख्त दिल शख्स अल्लाह को पसंद नहीं।’
- मिश्कवात
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लंदन : आईएनएस, इंडिया 

दुनिया के सबसे बड़े और मशहूर तरीन नबाताती (वनस्पति) बाग में कुरान-ए-पाक में मजकूर (वणित) पौधों की नुमाइश का आगाज किया गया है। यह इस नौईयत (नेचर, प्रकृति) की पहली नुमाइश है, जिसमें कुरआन में मजकूर बाअज (कुछ) नामियाती इश्याय (कार्बनिक पदार्थों) को मुतआरिफ कराया गया है। इस नुमाइश ने हाल ही में मगरिबी मुआशरे में काफी तवज्जा हासिल की है। 
कुरआन-ए-पाक में जिन पौधों का जिक्र है, दुनिया के मशहूर बाग में उन पौधों की हुई नुमाईश

    नुमाइश बर्तानवी दार-उल-हकूमत लंदन के मगरिब में वाके केयू गार्डन में महदूद (सीमित) वक़्त के लिए लगाई गई है, जिसमें अब आप उन पौधों की खूबसूरत ड्राइंग और तसावीर को देख सकते हैं, जिनका जिÞक्र कुरान-ए-पाक में किया गया है। पार्क इंतेजामिया का कहना है कि कुरान-ए-पाक में बहुत सी मिसालें और तालीमात हैं, जिनमें फितरत का जिÞक्र किया गया है, खासतौर पर सब्जे, पौधों और फूलों का। नुमाइश में लहसुन और अनार से लेकर अंगूर और मेहंदी तक पौधों की एक बड़ी तादाद के साथ साथ उनकी अहमीयत और कुरआन में उनके जिÞक्र और सयाक-ओ-सबाक (प्रसंग) के बारे में मालूमात भी मौजूद है। केयू गार्डनज जुनूब मगरिबी लंदन में एक नबाताती बाग है, जिसमें दुनिया का सबसे बड़ा और मुतनव्वे (विविध) नबाताती और मायकोलोजीकल मजमूआ (संग्रह) मौजूद है। ये बागात मगरिबी लंदन में वाके हैं, और यहां 1,100 से जाइद मुलाजमीन काम करते हैं जिनका सालाना बजट 65 मिलियन पाऊंड स्टर्लिंग 85 मिलियन अमरीकी डालर से ज्यादा है। 

प्लांटस आफ कुरआन

हिस्ट्री एंड कल्चर की मुसन्निफा और स्कालर डाक्टर शाहीना गजनफर और न्यूजीलैंड में मुकीम नबाताती मुसव्विर (चित्रकार) ने नुमाइश में रखे गए फन पारों (कलाकृति) के मजमुए को तखलीक (रचना) किया है। अपनी किताब पर तहकीक करते हुए, शाहीना ने कदीम मेसोपोटेमिया के मतोन और आरामी और इब्रानी की सामी जबानों को खंगाला ताकि ऐसे पौधों का पता लगाया जा सके, जिनके जदीद अरबी नाम नहीं हैं। उन्होंने एक प्रेस बयान में कहा कि इन पौधों का सुराग लगाना ज्यादा मुश्किल था। हर पौधे का एक तारीखी और सकाफ़्ती (सांस्कृतिक) ताल्लुक है, जिसे हमें कभी नहीं भूलना चाहिए और ना ही खोना चाहिए।

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    नुमाइश में चित्रकार की 30 पेंटिंगज शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कुरआन में मजकूर फूलों में उनकी दिलचस्पी उस वक़्त शुरू हुई, जब उन्होंने अबुधाबी में शेख जै़द मस्जिद का दौरा किया। उन्होंने कहा कि हैरत-अंगेज इमारत के इलावा जिस चीज ने मुझे मुतवज्जा किया, वो मस्जिद की तमाम मंजिलों, कालमों और छतों के ऊपर फूलों की गैरमामूली ड्राइंग थी। उन्होंने उन पौधों के बारे में मजीद जानने के लिए पूरी दुनिया का सफर किया। वो मुत्तहदा अरब अमीरात, उम्मान, फिजी और आस्ट्रेलिया के पहाड़ों पर भी गईं। उन्होंने कहा कि कोई फन-पारा तैयार करने में सैंकड़ों घंटे लगते हैं। मैं पौधों को देखने के लिए सफर करती हूं, कुछ पौधे मैंने खुद न्यूजीलैंड में अपने घर पर उगाए हैं या उन्हें ढ़ूढ़ने के लिए पहाड़ों का सफर किया है।

रूहानी इलाज
घर में लड़ाई-झगड़ा, रुपए-पैसों की तंगी, बे-बरकती, नुहूसत और जिन्नाती असरात दूर करने के लिए ‘सूरह जिन्न’ और ‘सूरह मुजम्मिल’ 3-3 बार (अव्वल-आखिर 3-3 बार दुरूदे पाक के साथ) पढ़कर आजवाइन और लोबान पर दम करें और 7 या 11 दिन धूनी लगाएं और दुआ कर लें। इन्शा अल्लाह घर में लड़ाई-झगड़ा खत्म होकर तंगदस्ती, बे-बरकती, नुहूसत और जिन्नाती असरात दूर हो जाएंगे।


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