आयुक्त को पत्र लिखकर समुचित व्यवस्थापन तक
पूर्व स्थल पर व्यवसाय करने देने की मांगी अनुमति
व्यवस्थापन के बिना की गई बेदखली कार्रवाई से
कई परिवारों के समक्ष भुखमरी की स्थिति
इंदिरा मार्केट में फुटपाथ पर वर्षों से व्यवसाय कर रहे फुटकर व्यापारियों को माहभर पूर्व उचित व्यवस्थापन किए बिना वहां से हटा दिया गया है इसकी वजह से अनेक व्यवसायियों के समक्ष परिवार का भरण-पोषण करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई परिवारों के समक्ष तो भुखमरी की स्थिति निर्मित हो गई है। स्थिति को देखते हुए व्यवसायियों ने निगम आयुक्त को पत्र लिखकर उनके समुचित व्यस्थापन किए जाने तक पूर्व स्थल पर ही ठेला, गुमटी लगाकर व्यवसाय करने की अनुमति मांगी है।
उल्लेखनीय है कि इंदिरा मार्केट में फुटकर व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों को इससे पूर्व भी बेदखली की कार्रवाई का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद व्यवसायियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने व्यवसायियों के हक में फैसला सुनाते हुए बेदखली से पूर्व उचित व्यवस्थापन किए जाने का आदेश पारित किया था। निगम आयुक्त को लिखे पत्र में व्यवसायियों ने हाईकोर्ट के उक्त आदेश का हवाला दिया है।
गौरतलब है कि निगम द्वारा शीतला मार्केट, सब्जी बाजार, पौनी पसारी के करीब व्यवसायियों के व्यवस्थापन हेतु पहल की गई है। लेकिन फुटकर व्यवसायियों को कहना है कि उक्त स्थल इंदिरा मार्केट, मोती कांप्लेक्स से बेदखल किए गए 58 व्यवसायियों के लिए पर्याप्त नहीं है। बाद में निगम प्रशासन द्वारा पदमनाभपुर रोड स्थित एलआईसी कार्यालय के सामने व्यवसायियों को जमीन आवंटित किए जाने की बात कही। उक्त स्थल का निरीक्षण किए जाने के पश्चात फुटकर व्यवसायियों ने भी वहां अपना कारोबार संचालित किए जाने की सहमति जताई। व्यवसायियों की सहमति के बावजूद बाद में निगम प्रशासन द्वारा एलआईसी के सामने वाली जमीन आवंटित किए जाने से इंकार कर दिया गया और व्यवसायियों को शीतला मार्केट, सब्जी बाजार के करीब पौनी पसारी में व्यवसाय करने कहा गया।
सब्जी व्यवसायी संघ के अध्यक्ष रज्जब अली, उपाध्यक्ष जमाल खान और कोषाध्यक्ष सत्यनारायण पांडे ने निगम आयुक्त को पत्र लिखकर बेदखली की कार्रवाई के कारण माहभर से बेरोजगार प्रभावित पत्रकारों के समक्ष उत्पन्न विकट स्थिति की चर्चा करते हुए समुचित व्यवस्थापन किए जाने तक पूर्व स्थल पर ठेला, गुमटी लगाकर व्यवसाय करने की अनुमति मांग है। आयुक्त को लिखे पत्र की कापी उन्होंने जिलाधीश व निगम के बाजार प्रभारी को भी प्रेषित की है।