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फिरऔनी खानदान के मकबरे मिले, ताबूत को जांच के लिए इसराईल नहीं भेजा गया

11 जीअकादा 1444 हिजरी
जुमेरात, 1 जून 2023
अकवाले जरीं
‘नेकी का रास्ता बताने वाले को भी उतना ही सवाब मिलेगा जितना अमल करने वाले को।’
- मुस्लिम शरीफ 
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फिरऔनी खानदान के मकबरे मिले, ताबूत को जांच के लिए इसराईल नहीं भेजा गया

सकारा करया से मिलने वाले मजीद मकबरों की नकाब कुशाई

काहिरा : आईएनएस, इंडिया 
मिस्र में नवादिरात (पुरावशेष) अथार्टी ने सनीचर को दार-उल-हकूमत (राजधानी) काहिरा के करीब सकारा करया से कदीम (प्राचनी) फिरऔनी मकबरों की नकाब कुशाई (अनावरण) की है। 
    अमरीकी न्यूज एजेंसी एसोसीएटड पे्रस के मुताबिक सकारा के कब्रिस्तान के वसीअ-ओ-अरीज इलाके में ये खास किस्म की नवादिरात (पुरावशेष) पाई गई हैं, ये इलाका कदीम (प्राचीन) मिस्र के दार-उल-हकूमत मनाफ का हिस्सा है और यूनेस्को के आलमी सकाफ़्ती विरसे (वर्ल्ड हेरीटेज) में शामिल है। मिस्र में नवादिरात की सुप्रीम काउंसिल के सेक्रेटरी जनरल मुस्तफा वजीरी ने बताया कि ऐसी कदीम वर्कशॉप्स में इन्सानों और खास एहमीयत के हामिल जानवरों की ममी बनाई जाती थीं। मुस्तफा वजीरी ने मजीद वजाहत की कि इन नवादिरात का ताल्लुक 30 वीं फिरऔनी खानदान 380 कब्ल मसीह (ईसा पूर्व) से 343 कबल मसीह और बतलीमी दौर 305 कब्ल मसीह से 30 कब्ल मसीह के जमाने से है। 
    उन्होंने मजीद (आगे) बताया कि वर्कशॉप के अंदर, माहिरीन (एक्सपर्ट) आसारे-ए-कदीमा (पुरातत्व) को मुख़्तलिफ रसूमात (रस्मों) में इस्तिमाल किए जाने वाले मिट्टी के बर्तन और दीगर अश्या (चीजें) मिली हैं, जो ब जाहिर ममी बनाने में इस्तिमाल होती रही हैं। मिस्र में सकारा आसारे-ए-कदीमा के सरबराह साबरी फाराज ने बताया कि दरयाफतशूदा बाकियात (अवशेष) और मकबरे कदीम मिस्र की सल्तनत के आला ओहदेदार और उनके साथियों के हैं। वाजेह रहे कि मिस्र की हुकूमत ने हालिया बरसों में बैन-उल-अकवामी मीडीया, सिफारतकारों और सय्याहों के लिए आसारे-ए-कदीमा की नई दरयाफतों को बहुत ज्यादा रोशनास कराया है। बताया जाता है कि यहां दरयाफत होने वाली ऐसी कदीम बाकियात से मुल्क में सयाहत (पर्यटन) को मजीद फरोग मिलेगा।

फिरऔन के ताबूत को जांच के लिए इसराईल नहीं भेजा गया

मिस्र ने सरकारी तौर पर उन खबरों की तरदीद (रद्द) कर दी है कि किसी फिरऔनी ताबूत को इसराईल को जांच के लिए भेजा गया है। सुप्रीम काउंसिल आफ नवादिरात के अजाइब-घरों के शोबे के सरबराह मोमीन उसमान ने इतवार के रोज कहा कि मिस्री अजाइब-घरों में से किसी भी नमूने को जांचने या मुताला (अध्ययन) के लिए बैरून-ए-मुल्क नहीं भेजा गया। 
    उन्होंने इस बात की तरदीद कर दी कि हाल ही में मिस्री अजाइब घर से फिरऔनी ताबूत का गिलाफ इसराईल मुंतकिल (शिफ्ट) किया गया है। उन्होंने इस हवाले से सीटी स्कैन के लिए ताबूत भेजने की सोशल मीडीया पर गर्दिश करने वाली खबर की तरदीद की है। सोशल मीडीया पर फैली खबर में बताया गया था कि हजारों साल पुराने ताबूत को यरूशलम के शाइर जेडक हस्पताल में सीटी स्कैन के लिए इसराईल मुंतकिल किया गया था। इस खबर में दावा किया गया था कि ताबूत के ढक्कनों की जांच पड़ताल की गई ताकि इस वर्क की निशानदेही की जा सके जो कारीगरों ने हजारों साल कब्ल अंजाम दिया था।

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