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मुग़्लिया तारीख के बाब से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई : डायरेक्टर दिनेश प्रसाद

13 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
बुध, 5 अपै्रल, 2023

एनसीईआरटी डायरेक्टर की वजाहत

नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया 
यूपी में एनसीईआरटी की तारीख की किताबों से मुगलों की तारीख को हटाने का मुआमला एक बड़ा मसला बनता जा रहा है। सियासी तनाजा के दरमयान एनसीईआरटी के डायरेक्टर दिनेश प्रसाद सकलानी ने इस पर रद्द-ए-अमल जाहिर किया है। 

मुग़्लिया तारीख के बाब से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई : डायरेक्टर दिनेश प्रसाद

    उन्होंने कहा कि मुगलिया तारीख से छेड़छाड़ नहीं की गई है। पिछले साल नफसियाती दबाव था, क्योंकि कोरोना की वजह से हर जगह तलबा पर दबाव था। माहिरीन की कमेटियों ने छठी से बारहवीं जमात तक की किताबों की जांच पड़ताल करने की सिफारिश की थी। सिफारिश में ये कहा गया था कि अगर इस बाब को हटा दिया जाए तो इससे बच्चों की तालीम पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा और उन पर से एक गैर जरूरी बोझ भी दूर हो सकता है, इस पर बहस करना गैर जरूरी है, जिन्हें इसके बारे में इल्म नहीं है, वो इसकी जांच कर सकते हैं। 

    वाजेह हो कि इससे पहले खबर आई थी कि यूपी के स्कूलों में मुग़्लिया तारीख नहीं पढ़ाई जाएगी। सेशन 2023-24 में 12वीं जमात में पढ़ाई जाने वाली तारीख की किताब से मुग़्लिया तारीख का बाब हटा दिया गया है, इसके इलावा इस्लाम के उरूज, सकाफ़्तों के तसादुम, सनअती इन्किलाब वगैरा से मुताल्लिक अस्बाक भी हटा दिए गए हैं। इसके बाद अपोजीशन जमातों की जानिब से सियासत देखने में आई। सपा एमएलए इकबाल महमूद ने कहा था कि मुग़्लिया तारीख पूरी दुनिया में है, उसे मिटाने से मिट नहीं सकती। दूसरी तरफ यूपी की सेकण्डरी एजूकेशन मिनिस्टर गुलाब देवी ने इस मुआमले पर कहा कि यूपी बोर्ड की 12वीं की पढ़ाई में कोई तबदीली नहीं की गई है। मुग़्लिया तारीख पर मुश्तमिल अबवाब खत्म करने की बातें बे-बुनियाद हैं। बगैर किसी हकायक के इस मुआमले पर कोई इबहाम नहीं फैलाना चाहिए।



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