नई तहरीक : रायपुर
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव आफताब आलम ने भाजपा नेताओं द्वारा हाल ही में मदरसों पर दिए गए बयान को निंदनीय निरुपित किया है। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष के महान हिन्दू समाज सुधारक राजा राम मोहन राय, जिन्हेंं भारतीय राष्ट्रवाद का अग्रदूत माना गया है, उनकी प्राथमिक शिक्षा मदरसे में हुई। साथ ही सिक्ख समाज के गुरू श्री गुरूनानक जी, देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद तथा पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद एवं विश्व विख्यात साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद जी की बुनियादी शिक्षा-दीक्षा भारत के मदरसों में हुई है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव आफताब आलम ने भाजपा नेताओं द्वारा हाल ही में मदरसों पर दिए गए बयान को निंदनीय निरुपित किया है। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष के महान हिन्दू समाज सुधारक राजा राम मोहन राय, जिन्हेंं भारतीय राष्ट्रवाद का अग्रदूत माना गया है, उनकी प्राथमिक शिक्षा मदरसे में हुई। साथ ही सिक्ख समाज के गुरू श्री गुरूनानक जी, देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद तथा पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद एवं विश्व विख्यात साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद जी की बुनियादी शिक्षा-दीक्षा भारत के मदरसों में हुई है।
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Aaftab Aalam, secretry cg cong comm. |
श्री आलम ने आगे कहा कि इनके अलावा भी ऐसे अनेक महापुरूष हैं, जिनकी शिक्षा-दीक्षा मदरसों में हुई है जिन्होंने भारत वर्ष का विश्वभर में परचम फहराया है। उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलनों में भी दारूल उलूम जैसे मदरसों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। सन 1864 से 1867 तक 80 हजार से ज्यादा मदरसों के उलमा को फांसी पर लटकाया गया। श्री आलम ने कहा कि जहां तक देश के सबसे बड़े बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की बात है, उसकी स्थापना प्रखर हिन्दू समाज सुधारक एवं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष महामना मदनमोहन मालवीय ने की थी। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि आरएसएस एवं जनसंघ ने आजादी के आंदोलनों से तो खुद को दूर रखा ही, भारतीय समाज को जोड़ने में इनकी भूमिका नगण्य रही है।
श्री आलम ने आगे कहा कि भाजपा द्वारा लगातार देश का इतिहास बदलने का कुत्सिक प्रयास किया जा रहा है। हाल ही में उन्होंने एनसीईआरटी की किताबों से मुगलों के इतिहास को विलोपित करने का कार्य वर्तमान एवं आने वाली पीढ़ी के भविष्य पर कुठाराघात है। भाजपा नेताओं द्वारा हाल ही में मदरसों के लिए जो बात कही गई है, उससे देश के महापुरूषों की शिक्षा में प्रश्न चिन्ह लगाना निश्चित रूप से अशोभनीय एवं निंदनीय है। भाजपा को अपने नेताओं द्वारा दिए गए ऐसे बयान एवं कृत्य पर देश से माफी मांगनी चाहिए।