12 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
मंगल, 4 अपै्रल, 2023
श्रीनगर : आईएनएस, इंडिया
रमजान उल मुबारक के मुकद्दस महीने में कश्मीर में एक हफ़्ते के लिए खुसूसी नुमाइश का एहतिमाम किया गया है। प्रताप सिंह (एसपीएस) म्यूजीयम में इस नुमाइश में कुरआन के नायाब नुस्खे़ और मुख़्तोते (पांडुलिपि) रखे गए हैं। ये नुमाइश जुमेरात 23 मार्च को शुरू हुई। इसमें 17वीं सदी का हाथ से लिखा हुआ कुरआन भी है। लोग उसकी जियारत करके खुशी महसूस कर रहे हैं। इसके जरीये उन्हें इस्लामी फन और खत्ताती की भरपूर तारीख और विरसे को जानने और समझने का मौका मिल रहा है।
अजाइब घर की क्यूरेटर राबिया कुरैशी ने कहा कि हमारे मखतूतात (पांडुलिपि) के हिस्से को अब तक आवेजां नहीं किया गया था, तब हमने सोचा कि लोगों को मालूम होना चाहिए कि कश्मीर में कदीम जमाने के हाथ से लिखे हुए नुस्खे़ मौजूद हैं, ऐसा पहली बार हुआ है, जब हम उनकी नुमाइश करने जा रहे हैं। रमजान का मुकद्दस महीना है, इसलिए हम चाहते हैं कि लोग अपने इल्म में इजाफा करने के लिए मखतूतात के बारे में जानें। नुमाइश में नायाब और कदीम कुरानी नुस्खों का मजमूआ भी रखा गया था। कुरआन के ज्यादा-तर नुस्खे या तो मुकामी तौर पर बनाए गए कागज या चीनी कागज पर हाथ से लिखे गए हैं।
मोबाईल में डाउनलोड करें जदीद कुरान-ए-पाक
रियाद : ई मुसहफ (कुरआन) ममलकत सऊदी अरब की जानिब से एक तवील इंतेजार के बाद जारी कर दिया गया है। सऊदी अरब की तरफ से जारी इलेक्ट्रॉनिक मुसहफ (ई-मुसहफ) कुरआन-ए-करीम तैयार किया गया है। सऊदी अरब ने कुरान-ए-पाक को बड़ी मेहनत से तैयार करवाया है। पूरा कुरान-ए-पाक तफसीर के साथ दस्तयाब है और उसे एक टच स्क्रीन के जरीये हासिल किया जा सकता है। बाएं से दाएं स्क्रीन को छूने से सफहात पलट जाते हैं। इसके अलावा इसमें आवाज, तिलावत, तर्जुमा और तशरीह शामिल है। गौरतलब है कि इससे कब्ल सऊदी अरब की एक तहकीकी टीम ने नाबीना अफराद के लिए कुरान-ए-पाक का एक इलेक्ट्रॉनिक नुस्खा तैयार किया था।