19 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
मंगल, 11 अपै्रल, 2023
----------------------------------
रियाद : आईएनएस, इंडिया कारों की जनरल सिंडीकेट ने जद्दा के किंग अब्दुल अजीज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शहरियों और रिहायशियों के अलावा बजट या सयाहती वीजे पर आने वाले आजमीन की आमद से लेकर बोर्डिंग पास हासिल करके उन्हें पार्किंग तक पहुंचाने और फिर मस्जिद अल हरम की तरफ ले जाने के लिए मुफ़्त बस सर्विस फराहम की है।
इस मुफ़्त सर्विस का मकसद जायरीन को मक्का मुकर्रमा की मस्जिद अल हरम तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जरीये सफर की सहूलत फराहम करना और मक्का मुकर्रमा के मर्कजी इलाके ट्रैफिक का रश कम करना भी है। मुफ़्त बस सर्विस की बदौलत जईफुर्रहमान के लिए आसानी से मस्जिद अल हरम तक पहुंचना मुम्किन हो जाता है और इस तरह उन्हें मनासिक उमरा अदा करने में भी सहूलत मयस्सर आ जाती है। जनरल सिंडीकेट फार कार के जनरल सदर उसामा ने बताया कि कारों की जनरल सिंडीकेट इस सर्विस के लिए मक्का और जद्दा में फील्ड में मुनज्जम खिदमात अंजाम देती है। उन्होंने वजाहत की कि रमजान उल-मुबारक के दौरान जद्दा एयरपोर्ट से मक्का मुकर्रमा तक एक दिन में बसों के चक्करों की तादाद 13 तक पहुंच जाती है। बस सर्विस रोजाना सुबह दस बजे से शाम दस बजे तक दस्तयाब होती है। हर एक घंटे पर बस रवाना होती है। दूसरी तरफ मक्का मुकर्रमा से जद्दा की जानिब बसों की रवानगी सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक होती रहती है। मक्का से जद्दा की जानिब बसों के 12 चक्कर होते हैं। उन्होंने कहा कि माह-ए-सियाम के आखिरी अशरा में बसों के चक्करों की तादाद मजीद बढ़ा दी जाएगी।
रमजान का आखिरी अशरा, मस्जिद अल हरम के जाइरीन के लिए हिदायतनामा जारी
सऊदी वजारत-ए-दाखिला ने रमजान उल-मुबारक के आखिरी अशरा में जाइरीन और नमाजियों की हिफाजत बरकरार रखने के लिए एक हिदायतनामा जारी किया है। इस गाईड में मुतअद्दिद (कई) हिदायात वही हैं, जो माह-ए-मुबारक के आगाज में की गई थीं। इन हिदायात का मकसद हिफाजत को यकीनी बनाना और इबादात की अदायगी में आसानी लाना है। इस गाईड में उमरा या नमाज के लिए आते हुए मक्का मुकर्रमा में मस्जिद अल हरम तक पहुंचने, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बसों, ट्रेन स्टेशन, प्राईवेट कारों, टैक्सियों को इस्तिमाल करने, पैदल आमद-ओ-रफत, निजी पार्किंग लॉट्स और उनके मुकामात के मुताल्लिक हिदायात दर्ज हैं। इसके अलावा उमरा अदा करने वालों के लिए रहनुमा उसूल भी बताए गए हैं। इसमें मक्का की सड़कों पर और मस्जिद अल हरम के सेहनों और दरवाजों के करीब रहनुमाई देने वाले निशानात और मीडीया पैगामात की भी वजाहत की गई है।इसके इलावा हिफाजत बरकरार रखने और उमरा में मुआविन साबित होने वाले उमूर को बयान किया गया है। वजारत हज-ओ-उमरा ने आजमीन-ए-हज्ज, इबादत गुजार और जाइरीन से मुतालिबा किया है कि वो हुजूम को रोकने के लिए मक्का मुकर्रमा में मस्जिद अल हरम के अंदर चंद मुकामात पर नमाज अदा करने से गुरेज करें। जईफुर्रहमान को मश्वरा दिया गया है वो राहदारियों, दाखिली और खारिजी रास्तों पर नमाज पढ़ने से गुरेज करें। नज्म-ओ-जबत को बरकरार रखने और गाड़ियों के रास्ते में भी नमाज ना अदा करें। वाजेह रहे कि रमजान उल-मुबारक के तीसरे जुमा को मस्जिद अल हरम में जाइरीन और इबादत गुजार की तादाद 1.9 मिलियन को पार कर गई थी।