19 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
मंगल, 11 अपै्रल, 2023
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मक्का मुकर्रमा : आईएनएस, इंडिया रमजान के मुकद्दस महीने में मस्जिद अल हरम में अचानक बारिश से मौसम खुशगवार हो गया। इस दिलकश मंजर की वीडीयो सोशल मीडीया पर खूब वाइरल हो रही है।
सऊदी मीडीया के मुताबिक पीर को फज्र के वक़्त मस्जिद अल हरम में होने वाली बारिश से मात्मरीन (श्रद्धालु) निहाल हो गए। अब्र-ए-करम था कि बरसा ही जा रहा था और अल्लाह के शुक्रगुजार बंदे उसकी किबरियाई और पाकी का विर्द करते हुए हक उबूदीयत निभाने की अपनी कोशिश करते रहे। रमजान, जो कि रहमतों का महीना है, मुकाम दुनिया का सबसे मुकद्दस तरीन हो और फिर अल्लाह की रहमत मीना की शक्ल में बादलों से बरस रही हो तो इस खैर-ओ-बरकत की बारिश में इबादत के लुतफ अंदोज होने वाले खुश-किस्मततरीन अफराद ही होंगे। जैसे-जैसे बारिश होती रही, मस्जिद अल हराम ब-आवाज-ए-बुलंद तकबीरात और दुआओं से गूँजती रही।
इस दौरान किसी भी हंगामी हालत से निमटने के लिए सिक्योरिटी और सेफ़्टी के शोबा जात भी मुतहर्रिक हो गए। महकमा-ए-मौसीमीयत ने इमकान जाहिर किया है कि ममलकत में आज से बारिशों के नया सिलसिला दाखिल हो गया जिसके बाइस वकफे वकफे से बारिशें मजीद एक दो दिन तक जारी रह सकती है।
बारिश में जाइरीन मस्जिद नबवी की सलामती के लिए गैरमामूली इंतिजामात

बारिश से भीगा शहर
रियाद : मदीना मुनव्वरा में बारिश की मुतवक़्के सूरत-ए-हाल के पेश-ए-नजर मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम में जाइरीन की हिफाजत और सलामती के लिए गैरमामूली इंतिजामात किए गए हैं। मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के इंतिजामी उमूर की जिÞम्मेदार सिक्योरिटी, सेफ़्टी और एमरजेंसी रिस्पांस एजेंसी के जनरल डिपार्टमेंट आफ सेफ़्टी एंड रिस्क रेस्पांस के जरीये बारिश के मौसम में जाइरीन के लिए इजाफी इकदामात किए गए ताकि जाइरीन और नमाजियों की हिफाजत को बरकरार रखने के साथ साथ मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम में खराब मौसम के लिए वजा करदा हंगामी प्लान की तैयारी और अमल दरआमद को यकीनी बनाया जा सके। 
इंतेजामिया ने मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम में सर्विसिज फराहम करने वाले मुख़्तलिफ दीगर महिकमों के साथ मिलकर काम किया। मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के सेहनों में कालीनों को हटा दिया गया, इसके अलावा कारकुनों की तादाद बढ़ा दी गई, मस्जिद के बैरूनी फर्श को खुशक करने के लिए इजाफी सामान फराहम किया गया। इंतेजामिया ने मुताल्लिका महिकमे के साथ मिलकर बारिश के दौरान सेहन में मौजूद छतरीयों को खोल दिया। ये तमाम सर्विसिज जाइरीन को मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम में इबादत के लिए पुरसुकून माहौल फराहम करने के लिए हुकूमत की तरफ से इकदामात का हिस्सा है।
सऊदी अरब में आम की मुकामी पैदावार सालाना 88.6 हजार टन से मुतजाविज
रियाद : सऊदी अरब की वजारत माहौलियात, पानी और जराअत ने इन्किशाफ (खुलासा) किया है कि ममलकत सऊदी अरब में आम की फसल की खुद कफालत की शरह (दर) 60 फीसद से जाइद हो गई है। वजारत जराअत का कहना है कि सऊदी अरब में सालाना 88.6 हजार टन से ज्यादा आम पैदा होता है। ममलकत में आम की काश्त 6880 एकड़ रकबे पर की जाती है। ये बयान एक ऐसे वक़्त में सामने आया है, जब वजारत जराअत पायदार देही तरक़्की के प्रोग्राम के जरीये आम की फसल की पैदावारी कारकर्दगी को बढ़ाने, खुराक की हिफाजत के हुसूल, वजारत की हिक्मत अमलियों और मन्सूबों के मुताबिक उसकी काश्त की शरह को बढ़ाने के लिए काम कर रही है ताकि विजन 2030 के एहदाफ का हुसूल मुम्किन बनाया जा सके। मौसमी फसलों से मुताल्लिक रिपोर्टों की एक सीरीज में वजारत जराअत ने बताया कि आम सऊदी अरब में आला इकतिसादी पैदावार के साथ एक बेहतरीन और नफा बखश फसल है।इसकी काश्त कई इलाकों में की जाती है, खासतौर पर जाजान में सबिया, अब्बू अरीश, अलदरब, सामता और बेश, मक्का मुकर्रमा के इलाके अलकनफूदा, अललीस और उद्यम, अलमखवाह और किलो गवर्नरियों, अलबाहा, तबूक साहिली गवर्नरी, असीर, नजरान, अलमदीना अलमनोरा और मशरिकी गवर्नरी में इस की काशत की जाती है। वजारत जराअत ने मजीद कहा कि आम की पैदावार का सीजन अप्रैल से अगस्त तक होता है। इस अर्से के दौरान सऊदी अरब मुख़्तलिफ इकसाम के आमों की बीस से जाइद इकसाम पैदा करता है, जिनमें तोमी उत्केनज, केत, कैंत, अलफांसो, सिकारी, अलजबदा, अलहंदी, अलजलन, लंगड़ा, अलसमका, तैमूर, नौमी, थाईलेंडी जैसी किस्में शामिल है।