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तुर्की जलजला : 49 दिनों तक मलबे में जिंदा रही बिल्ली, इमदादी टीम ने निकाला

15 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
जुमा, 7 अपै्रल, 2023
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अंकरा : आईएनएस, इंडिया 
गुजिश्ता बुध को तुरकिया के कहर अमान में मलबा हटाने के लिए काम करने वाली इमदादी टीमों ने 6 फरवरी को तुरकिया और शाम में आने वाले तबाहकुन जलजले के 49 दिन बाद एक बिल्ली को जिंदा निकाल लिया। जलजले में हजारों अफराद लुकमा-ए-अजल बन गए थे। 

तुर्की जलजला : 49 दिनों तक मलबे में जिंदा रही बिल्ली, इमदादी टीम ने निकाला

    इलाके में काम करने वाली टीमें बिल्ली को निकालने में कामयाब रहीं जिसके बाद उसे मजीद देखभाल के लिए मुताल्लिका इदारे के हवाले कर दिया गया है। 6 फरवरी को जुनूब मशरिकी तुरकिया में 7.7 शिद्दत का जलजला आया और इसके झटके मुल्क के 11 सूबों और शाम समेत हमसाया ममालिक के इलाकों में महसूस हुए। तुरकिया में जलजले से मरने वालों की तादाद 49,000 से तजावुज कर गई है। तबाहकुन जलजले के नतीजे में एक लाख चालीस हजार इमारतें मुनहदिम हो गईं, उनके मालिकान खेमों और पनाहगाहों में रहने या दूसरे शहरों में मुंतकिल होने पर मजबूर हुए। मुल्क के जुनूब में मुतास्सिरा शहरों के कुछ बाजारों में जिंदगी बतदरीज लौट रही है। जलजले के बाद जो दुकानें बरकरार थीं, उनके मालिकान ने माह रमजान की आमद के साथ ही अपने दरवाजे सारिफीन के लिए दुबारा खोल दिए।

जलजला मुतास्सिरा इलाकों की ताअमीर-ए-नौ शुरू     

    तुर्क सदर रजब तय्यब अर्दगान ने कहा है कि हमने जलजला जदा इलाकों में 27 हजार 949 मकानात की तामीर शुरू कर दी है बल्कि देही इलाकों में बाअज मकानात मुकम्मल होने के करीब हैं। सदर अर्दगान ने दार-उल-हकूमत अंकरा की एक रेडेंसी में बाअज निजी टेलीविजन चैनलों की मुशतर्का बराह-ए-रास्त नशरियात में अखबारी नुमाइंदों के सवालात के जवाब दिए। 


    उन्होंने 6 फरवरी को जलजलों के बाद, इलाके में जारी ताअमीर-ए-नौ मरहले से मुताल्लिक मालूमात फराहम कीं और कहा है कि हमारी कौम तसल्ली रखे। गुजिशता 20 सालों में 11 लाख 80 हजार महफूज मकानात तामीर करने और 3.3 मिलियन शहरी तजदीद के मंसूबे मुकम्मल करने वाला अमला काम में मसरूफ है। जलजला मुतासिरा इलाके में भी हमने नए मकानात की बुनियादें डाल दी हैं और अभी ये अमल जारी है। सदर अर्दगान ने कहा है कि जलजले से मुतास्सिरा जिलों में कुल 27 हजार 949 मकानात की तामीर अमलन शुरू हो चुकी है। यही नहीं, बाअज देही मकानात की तामीर उस वक़्त इखतेतामी मराहिल से गुजर रही है। मौसम-ए-गर्मा तक हम इन्हें मुकम्मल कर लेंगे। सदर अर्दगान ने मजीद कहा है कि अगर हम कहते हैं कि हमारा तजुर्बा है, हमने ये काम कर चुके हैं तो इसका मतलब है कि हम वो काम करेंगे।




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