जुनूबी अफ्रÞीका : उड़ान के दौरान हवाई जहाज में कोबरा, जहाज की हंगामी लैंडिंग करानी पड़ी (अजब गजब)

9 शव्वाल 1444 हिजरी
इतवार, 30 अपै्रल, 2023
-----------------------
केपटाउन : आईएनएस, इंडिया 
जुनूबी (दक्षिण) अफ्रÞीका में दौरान-ए-परवाज एक छोटे जहाज की सीट के नीचे एक जहरीला कोबरा सांप बरामद होने पर पायलट को हंगामी लैंडिंग करना पड़ी। 
जुनूबी अफ्रÞीका : उड़ान के दौरान हवाई जहाज में कोबरा, जहाज की हंगामी लैंडिंग करानी पड़ी (अजब गजब)

    अमरीकी खबररसां एजेंसी एपी के मुताबिक रूडोल्फ अर्समस के हल्के जहाज में चार मुसाफिर सवार थे। उड़ान के दौरान उन्होंने अपनी कमर के निचले हिस्से में कोई चीज महसूस की। उन्होंने एपी को बताया कि मैंने नीचे झांक कर देखा तो बड़े साइज के एक कोबरा का सिर सीट के नीचे से पीछे की जानिब हट रहा था। खुद को पुरसुकून करने के कुछ देर बाद मैंने मुसाफिरों को सूरत-ए-हाल से आगाह किया। रूडोल्फ ने जुनूबी अफ्रÞीका के कस्बे वेलकोम में हंगामी लैंडिंग की इजाजत हासिल करने एयर ट्रैफिक कंट्रोल से राबिता किया। उनका कहना था कि मैं जहाज को सीट के नीचे देखता रहा कि कोबरा कहां है। रूडोल्फ का मजीद कहना था कि अगरचे मुझे सांपों से ज्यादा खौफ महसूस नहीं होता लेकिन मैं आम तौर पर उनके करीब भी नहीं जाता। 
    उन्होंने फायर एंड रेस्क्यू के महिकमे को फोन कर हंगामी तौर पर अहलकारों और सांप पकड़ने वाले अफराद को एयरपोर्ट भेजने के लिए कहा। आखिरकार जहाज को एक जहरीले कोबरा की मौजूदगी के बावजूद बहिफाजत लैंड करवाया गया। कैप कोबरा सांप अफ्रÞीका के सबसे खतरनाक कोबरा माने जाते हैं क्योंकि उनके जहर की शिद्दत बहुत ज्यादा होती है।

बर्तानिया में कीड़े के काटने से फैलने वाले ‘टिक’ वायरस से कोहराम 

लंदन : दुनिया के मुतअद्दिद ममालिक (कई मुल्कों) में एक कीड़े के जरीये फैलने वाले ‘टिक’ वाइरस की बर्तानिया में भी मौजूदगी का इन्किशाफ (खुलासा) हुआ है। हुक्काम की जानिब से कोह पैमाओं (पर्वतारोही) और पहाड़ों पर साईकल चलाने वाले अफराद को एहतियाती तदाबीर इखतियार करने का मश्वरा दिया गया है। 

    बर्तानवी अखबार गार्डियन के मुताबिक बर्तानिया में एहतियाती तदाबीर इखतियार करने से मुताल्लिक अहकामात यार्कशायर में टिक वाइरस का केस सामने आने के बाद जारी किए गए हैं। टिक दरअसल एक मकड़ी नुमा कीड़े को कहा जाता है, जिसे उर्दू में चिचड़ी कहा जाता है। ये कीड़ा जानवरों और इन्सानों के खून को बतौर खुराक इस्तिमाल करता है। आलमी इदारा सेहत के मुताबिक नजला-ओ-जुकाम टिक वाइरस की अलामात से एक है और ये वाइरस इन्सान के आसाबी निजाम पर-असर अंदाज होता है। टिक वाइरस से दिमाग सूज जाता है और फौरन तिब्बी इमदाद न मिलने के सबब मौत भी हो सकती है। टिक वाइरस यूरोप के मुतअद्दिद ममालिक में पाया जाता है लेकिन माहिरीन सेहत अभी इस बात से लाइल्म हैं कि ये बर्तानिया में कैसे दाखिल हुआ। गार्डियन के मुताबिक माहिरीन ने खदशा जाहिर किया है कि शायद ये वाइरस दूसरे ममालिक से परिंदों के जरीये बर्तानिया में दाखिल हुआ है। हालांकि यार्कशायर में इस वाइरस से मुतास्सिर होने वाला शख़्स मुकम्मल तौर पर सेहतयाब हो चुका है। इत्तिलाआत के मुताबिक इस शख़्स को चिचड़ी ने यार्कशायर में काटा था, जिसके बाद उन्हें पाँच दिनों तक जिस्म में दर्द और बुखार रहा था।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ