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सत्तीचौरा में गोबर के कंडों एवं कपूर से होगा होलिका दहन

नई तहरीक : दुर्ग 
विगत वर्षों की परम्परा अनुसार इस वर्ष भी सत्तीचौरा में 7 मार्च को शाम साढ़े सात बजे गौ माता के गोबर से बने कंडों, कपूर, देशी घी, लौंग, इलायची सामग्री से वैदिक होलिका दहन किया जाएगा।
    आयोजन समित्ति के प्रमुख योगेन्द्र शर्मा बंटी ने बताया कि छत्तीसगढ़ की धार्मिक नगरी दुर्ग के सत्तीचौरा में सभी पर्व ऐतहासिक रूप से मनाया जाता है, जिसमें होली विशेष है, होलिका दहन के दिन पूरे प्रदेश एवं देश में होलिका दहन में लकड़ियों के साथ साथ अन्य सामग्री का उपयोग किया जाता है जो प्रदूषण का कारण बनता है। ऐसे में सत्तीचौरा में विगत 6 वर्षों से गोबर के कंडोंं से होलिका दहन किया जाता है। यही नहीं, आयोजकों ने इस मुहिम को जनता तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। शहर एवं जिले के गौठान, गौ शाला, डेयरी संचालकों के साथ चर्चा कर इस बार होलिका दहन में लकड़ियों की जगह गोबर के कंडों के इस्तेमाल पर जोर देने का आह्वान किया गया है। बंटी ने कहा कि सभी इसके लिए तैयार भी हैं। शहर एवं जिले में अलग-अलग स्थानों में लकड़ी की अपेक्षा कम मूल्य पर कंडे मिल जाते हैं। जरूरत केपल शहरवासियों की इसके प्रति जागरूक होने की है।
    श्री बंटी ने कहा कि गोबर के कंडों से होलिका दहन करने से जिले एवं प्रदेश के गौठान, गो शालाओं, डेयरी संचलकों को इससे बल मिलेगा। इस पहल का एक उद्देश्य यह भी है कि कंडे की बिक्री बढ़ने से गोशालाओं, गौठान को गायों के लिए चारे-पानी की व्यवस्था करने में आसानी होगी।
    बंटी ने कहा कि कंडे जलने से निकलने वाले धुएं से हवा शुद्ध होगी। प्रदूषण नहीं फैलेगा। आमतौर पर लकड़ी से होलिका दहन करने से पर्यावरण प्रदूषित होता है। गौरतलब है कि यज्ञ, हवन में भी गोबर के कंडों का इस्तेमाल होता है। जानकारों के अनुसार कंडों के जलने पर निकलने वाला धुआं वातावरण को साफ कर आॅक्सीजन में बढ़ोतरी करता है जिससे शहर में व्यापत प्रदूषण का असर कम होता है। 

विगत छह वर्षों से कर रहे सफल प्रयोग

विगत 6 वर्षों से सत्तीचौरा में गोबर के कंडों से ही होलिका दहन किया जा रहा है। इस वर्ष भी संस्था अपनी परंपरा निभाएगी। होलिका दहन के लिए शहर के गौठान से लगभग 1 हजार कंडे, सभी गौशाला से 2 हजार एवं डेयरी से 500 कंडे मिलाकर 4000 कंडे से होलिका दहन किया जाएगा। साथ ही कपूर, लौंग और इलायची भी होलिका दहन में जलाई जाएगी जिससे आसपास का वातावरण शुद्ध होगा। वर्तमान में जारी स्कूली परीक्षा को देखते हुए ढोल, नगाड़ा न बजाने का निर्णय लिया गया है। होलिका दहन के समय की जाने वाली आरती के लिए साउंड सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। 
    आयोजन को सफल बनाने नरेंद्र गुप्ता, प्रहलाद रूंगटा, सुरेश गुप्ता, अजय शर्मा, राजू पुरोहित, राजेश शर्मा, राहुल शर्मा, पिंकी गुप्ता, ओमप्रकाश टावरी, वाशु सेक्सरिया, गोपाल शर्मा, दीपक पण्डा, आशीष मेश्राम, प्रकाश कश्यप, कृतज्ञ शर्मा, मोहित पुरोहित, ऋषि गुप्ता, चिंटू शर्मा, आकाश राजपूत, ईशान शर्मा, दीपक धर्मगुढ़ी, रवि राजपूत, संजय सेन, प्रकाश सिन्हा, बिट्टू यादव, मनीष सेन, सोनल सेन, निक्कू जायसवाल एवं गंजपारावासी तैयारी में जुटे हैं। 

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