14 शाअबानुल मोअज्जम 1444 हिजरी
मंगल, 7 मार्च 2023
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दोहा : आईएनएस, इंडिया
बैरून-ए-मुल्क हम्मास के सरबराह खालिद मशाल ने कहा है कि रमजान के मुकद्दस महीने में हालात मजीद कशीदगी की तरफ बढ़ने वाले हैं। आने वाले दिन महाज पर ज्यादा गर्म होने वाले हैं। मौसूल होने वाले बयानात में खालिद मशाल ने मैदान-ए-जंग में फलस्तीनीयों को मुत्तहिद करने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि मैदान सबको मुत्तहिद करता है। उनका कहना है कि फलस्तीनीयों को ठगों की हुकूमत का सामना है। फलस्तीनी कौम को नॉबलस, जनीन और गजा में मुजाहमत की तरह एक मुत्तहिद फलस्तीनी मौकिफ की जरूरत है। उन्होंने वाजिह किया कि तहरीक हम्मास का मौकिफ इस बात पर कायम है कि वतन की आजादी सिर्फ़ मुजाहमत और मुसल्लह जद्द-ओ-जहद से मुम्किन है। उन्होंने पूरी कौम से फलस्तीनी तहरीक मुजाहमत में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने पर जोर दिया। उन्होंने अरब और इस्लामी कौम को अपने अंदरूनी इखतिलाफात से बालातर होने और भाईचारे और बातचीत के जरीये इखतिलाफात को दूर करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारी जंग काबिज और इस्तिमारी दुश्मन के खिलाफ है। अरब और इस्लामी कौम को अपने इत्तिहाद की तजदीद करनी चाहिए। मशाल ने अरब और इस्लामी ममालिक में से किसी के मुआमलात में मुदाखिलत ना करने की अपनी तहरीक के मौकिफ की तौसीक की और इस बात पर जोर दिया कि अरब मुल्कों के इखतिलाफात फलस्तीनी अवाम को कमजोर करते और उन्हें मजबूत नहीं करते। खालिद मशाल ने कहा कि जिन ममालिक ने इसराईल के साथ ताल्लुकात उस्तवार किए हैं, उन्हें उसका कोई फायदा नहीं पहुंचा और इसके नतीजे में फलस्तीनीयों को नई तबाही का सामना करना पड़ा है। उनका कहना था कि नार्मलायजीशन फलस्तीनी अवाम की पीठ में छुरा घोंपने के मुतरादिफ है। तारीख, हाल, मुस्लिम उम्मा और खित्ते के लोगों की कौमी सलामती के लिए नुक़्सानदेह है। इसराईल के साथ ताल्लुकात उस्तवार करने का मकसद अरब ममालिक में तबाही फैलाना है।
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