18 शाअबानुल मोअज्जम 1444 हिजरी
सनीचर, 11 मार्च 2023
नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगल के रोज दिल्ली वक़्फ बोर्ड की उस अर्जी को 15 मार्च तक मुल्तवी कर दिया जिसमें 123 जायदादों से मुताल्लिक तमाम मुआमलात से बोर्ड को अलहदा करने के मर्कज के फैसले को चैलेंज किया गया था। इससे कब्ल, हाईकोर्ट ने वक़्फ बोर्ड से कहा था कि वो मर्कज के फैसले को चैलेंज करने वाली एक अलहदा अर्जी दायर करे। जस्टिस मनोज कुमार की सिंगल बेंच ने 123 जायदादों को हटाने के मर्कजी हुकूमत के फैसले के खिलाफ बोर्ड के जरीया दायर की गई अर्जी पर फौरी हुक्म जारी करने से इंकार कर दिया था। बोर्ड ने गुजिशता साल अर्जी दायर की थी। बोर्ड की जानिब से पेश होने वाले सीनीयर एडवोकेट राहुल मोहरा ने इस्तिदलाल किया कि ये जायदाद कानूनी अथार्टी के कब्जे में है और उन्होंने मर्कज के फैसले को मुकम्मल तौर पर गै़रकानूनी करार दिया। वकील ने अगली समाअत तक इस मुआमले में जुमूद बरकरार रखने का मुतालिबा किया लेकिन मर्कज ने उसकी मुखालिफत की। समाअत के दौरान जस्टिस ने मजीद कहा कि अदालत इस सतह पर इस तरह का हुक्म दूसरे फरीक को सुने बगैर मंजूर नहीं कर सकती और अगले हफ़्ते समाअत के लिए इस केस को दर्ज कर दिया। वक़्फ बोर्ड ने 8 फरवरी को यूनीयन हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्ज़ की वजारत के खत को चैलेंज करने वाली एक अर्जी दायर की। उन्होंने इससे कब्ल ये इस्तिदलाल किया था कि मर्कज को मजकूरा खुसूसीआत से बोर्ड को अलहदा करने का कोई इखतियार नहीं है। मर्कज की जानिब से पेश होने वाले एडीशनल सालीसीटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि बोर्ड ने दरखास्त में जो मुतालिबात किए हैं, वो जेरे इलतिवा अर्जी के दायरे से बिलकुल बाहर हैं। उन्होंने और असासों की हैसियत की तहकीकात करने वाली दो मैंबर कमेटी के बोर्ड की दरखास्त को मुस्तर्द करने, अदालत के जरीया मंजूर मुख़्तलिफ अहकामात और एक नजर-ए-सानी की दरखास्त का हवाला दिया।
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