26 शाअबानुल मोअज्जम 1444 हिजरी
इतवार, 19 मार्च 2023
600 मदरसे पहले ही बंद कराए जा चुके हैं
नए भारत को मदरसों की जरूरत नहीं : हेमंत सरमा
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file photo |
आसाम के वजीर-ए-आला हेमंत बिस्वा सरमा ने जुमा को कहा कि वो अपनी रियासत के तमाम मदारिस को बंद करने का मन्सूबा बना रहे हैं। कर्नाटक के बेलगावी में एक जल्सा-ए-आम से खिताब करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी हुकूमत पहले ही 600 मदारिस को बंद कर चुकी है और बाकी तमाम मदरसों को भी जल्द ही बंद कर दिया जाएगा। एक रिपोर्टर के जरीया जब इस इकदाम के पीछे मकसद के बारे में पूछा गया तो आसाम के वजीर-ए-आला ने कहा कि नए हिन्दोस्तान को मदारिस की नहीं स्कूलों, कॉलिजों और यूनीवर्सिटीयों की जरूरत है। उन्होंने कहा, नए हिन्दोस्तान को मदारिस नहीं चाहिए, उसे यूनीवर्सिटीयों, स्कूलों और कॉलिजों की जरूरत है। माजी में भी हेमंत सरमा ने अक्सर मदारिस की तादाद कम करने या वहां दी जाने वाली तालीम का जायजा लेने के अपने इरादे का इजहार किया है। आसाम में इस वक़्त 3000 रजिस्टर्ड और गैर रजिस्टर्ड मदारिस हैं। ख़्याल रहे कि हेमंत सरमा साल 2020 में एक कानून लाए थे जिसके जरीये तमाम सरकारी मदारिस को, रेगूलर स्कूलों में तबदील किया जाएगा। आसाम के वजीर-ए-आला ने कहा कि रियास्ती पुलिस बंगाली मुस्लमानों के साथ मिलकर काम कर रही है, जिनका तालीम के तईं रवैय्या मुसबत (सकारात्मक) है, जिसका मकसद मदारिस में अच्छा माहौल पैदा करना है। मदारिस में साईंस और रियाजी को भी मजामीन के तौर पर पढ़ाया जाएगा, और तालीम के हक का एहतिराम किया जाएगा, और असातिजा का डेटाबेस रखा जाएगा।
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