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आलमी किताब मेले में 10 लाख लोगों ने की शिरकत

14 शाअबानुल मोअज्जम 1444 हिजरी
मंगल, 7 मार्च 2023
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आलमी किताब मेले में 10 लाख लोगों ने की शिरकत

नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया 

आलमी किताब मेला 50 साल का सफर पूरा कर रहा है। मेहनत और रोजगार के मर्कजी वजीर भूपेंद्र यादव ने मुख़्तलिफ किताबों का रस्म इजरा किया। मेले का बाल मंडप रोजाना की तरह आज भी बच्चों से भरा रहा। आथर्स कॉर्नर के सेशन में नौजवान मुसन्निफीन ने शिरकत की। नाटय शाला में मेले के इखतेताम के मौके पर सूफी जोहर अली असेंबली और ऊर्जावान के प्रोग्राम से हुआ। 
    नेशनल बुक ट्रस्ट आफ इंडिया के जेर-ए-एहतिमाम प्रगति मैदान में मुनाकिदा आलमी किताब मेले के दौरान 4 मार्च को मेले के थीम पवेलीयन में कौमी उर्दू काउंसिल के जेर-ए-एहतिमाम 'दास्तान जंग-ए-आजादी के उनवान से एक खूबसूरत दास्तान पेश की गई, जिसमें खुसूसन तहरीक-ए-आजादी की खवातीन सिपाहीयों की कुर्बानियों और उनकी गैरमामूली हुब्ब-उल-वतनी और जजबा आजादी को खेराजे अकीदत पेश किया गया। इस दास्तान के तखलीककार-ओ-डायरेक्टर जामिआ मिलिया इस्लामीया के प्रोफेसर दानिश इकबाल थे, जबकि दास्तान गोई आरिफा जबीन और अजहर उद्दीन अजहर ने की और म्यूजिक आर्टिस्ट के तौर पर सआदत ईसार और सय्यद इंसिराम उल-हक ने अपनी फनकारी का मुजाहरा किया। 
    उसी दौरान तआरुफी कलिमात पेश करते हुए काउंसिल के डायरेक्टर प्रोफेसर शेख अकील अहमद ने कहा कि मैं सबसे पहले एनबीटी और खास तौर पर शमस इकबाल साहिब को मुबारकबाद पेश करना चाहता हूँ, जिनकी कोशिशों से किताब मेले के दौरान यहां कई इल्मी, अदबी-ओ-सकाफ़्ती प्रोग्राम मुनाकिद हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि खुसूसन इस साल जंग-ए-आजादी का अमृत महोत्सव भी मनाया जा रहा है, जिसके तहत बहुत सी तकरीबात हो चुकी हैं और अब भी हो रही हैं, कौमी उर्दू  काउंसिल के जरीये पेश की जाने वाली आज की ये दास्तान-ए-जंग-ए-आजादी भी इसी सिलसिले की कड़ी है। 
    उन्होंने इस दास्तान के तखलीककार-ओ-डायरेक्टर दानिश इकबाल और उनकी पूरी टीम को भी मुबारकबाद पेश की और उनका शुक्रिया भी अदा किया। उन्होंने बताया कि इससे पहले ये रक़्स के जरीये पेश किया जा चुका है, आज उसे दास्तान के फार्म में पेश किया जा रहा है। तमाम अदाकारों ने बड़ी खूबसूरती से ये दास्तान पेश की और रानी लक्ष्मी बाई, रानी अवंति बाई, बेगम हजरत महल, बेगम निशात मोहानी, कमला नेहरू और कस्तूरबा गांधी वगैरा की कुर्बानियों की मानी-खेज जुमलों, खूबसूरत और हौसला अंगेज अशआर के जरीये पेशकश को सामईन-ओ-नाजरीन ने खूब पसंद किया और दाद-ओ-तहसीन से नवाजा। इस मौके़ पर काउंसलि के स्टाफ के अलावा बड़ी तादाद में शायकीन मौजूद थे।

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