29 शाअबानुल मोअज्जम 1444 हिजरी
बुध, 22 मार्च 2023
नई तहरीक : रियाद
सऊदी अरब में मंगल की शाम हिलाल का चांद नजर नहीं आया। अब रमजानुल मुबारक के मुकद्दस महीने का आगाज जुमेरात 23 मार्च से होगा। इस हिसाब से हिंदूस्तान में इस माहे मुबारक की शुरुआत 24 मार्च जुमा से होगी।
ममलकत की सुप्रीमकोर्ट ने तमाम मुस्लमानों से मंगल की शाम रमजान का चांद तलाश करने कहा था, जो 29 शाबान 1444 के मुताबिक है। वजारत इन्साफ ने ऐलान किया कि उसने चांद देखने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक निजाम शुरू किया है जिसका मकसद चांद देखने के अमल को खुदकार और कंट्रोल करना, और अदालतों और सुप्रीमकोर्ट के दरमियान काम के तरीका-ए-कार को यकजा करना है। इस सर्विस का मकसद रसद गाह के डेटा सोर्स को एक मजबूत इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के जरीये यकजा करना है जो मुताल्लिका हुक्काम के साथ रफ़्तार और इंजिÞमाम फराहम करता है, रसद गाह की कार्यवाईयों के मेयार को बढ़ाता है, और नए चांद के बारे में सुप्रीमकोर्ट के फैसले के इजरा को तेज करता है।
दुनियाभर में 1.9 बिलीयन से ज्यादा मुस्लमान इस मुकद्दस महीने को मनाएंगे, जिसके दौरान मोमिनीन फज्र से गुरूब-ए-आफ़्ताब तक खाने, पीने और सिगरेट नोशी से परहेज करते हैं।
गौरतलब है कि सुप्रीमकोर्ट ने ममलकत के तमाम मुस्लमानों से मंगल की शाम को रमजान का चांद देखने को कहा था। मंगल 29 शाबान 1444 की मुनासबत से है और अगर मंगल की शाम को रमजान का चांद नजर आता है तो रमजान का आगाज बुध से होगा। अगर नहीं तो मुकद्दस महीना जुमेरात से शुरू होगा।
अदालत ने कहा था कि जो कोई भी रमजान का चांद अपनी आँखों से या दूरबीन के जरीये देखता है, वो करीबी अदालत को अपने मुकाम पर मतला करे और वहां अपनी गवाही रिकार्ड करे या करीबी मर्कज से राबिता करे ताकि उन्हें करीबी अदालत से रुजू किया जा सके। इसके अलावा हुक्काम की जानिब से भी इलेक्ट्रानिक निजाम के जरिये हेलाल का चांद तलाशने की कोशिश की गई थी लेकिन चांद नजर नहीं आया।
अदालत ने कहा था कि जो कोई भी रमजान का चांद अपनी आँखों से या दूरबीन के जरीये देखता है, वो करीबी अदालत को अपने मुकाम पर मतला करे और वहां अपनी गवाही रिकार्ड करे या करीबी मर्कज से राबिता करे ताकि उन्हें करीबी अदालत से रुजू किया जा सके। इसके अलावा हुक्काम की जानिब से भी इलेक्ट्रानिक निजाम के जरिये हेलाल का चांद तलाशने की कोशिश की गई थी लेकिन चांद नजर नहीं आया।
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