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सफाई मजदूरों की हड़ताल : पेरिस की सड़कों पर 10 हजार टन कचरा जमा, बदबू से लोग परेशान

28 शाअबानुल मोअज्जम 1444 हिजरी
मंगल, 21 मार्च 2023

पेरिस : आईएनएस, इंडिया 
फ्रÞांसीसी हुक्काम ने जुमा को कहा है कि कूड़ा उठाने वाले मुलाजमीन की हड़ताल के बाइस पेरिस की सड़कों पर 10,000 टन तक कचरा जमा हो गया है। 
    उनका कहना है कि हड़ताली मुलाजमीन को काम पर वापिस लाने की तमामतर कोशिशें रायगां हो गई हैं। वजीर-ए-दाखिला जेराल्ड ने ऐलान किया था कि हड़ताल करने वालों को जरूरी खिदमात के तहफ़्फुज के लिए बनाए गए हंगामी इख़्तयारात के तहत काम पर वापिस आने पर मजबूर किया जाएगा मगर हुकूमत अभी तक ऐसा नहीं कर सकी। कूड़ा उठाने वाले कारकुनान 12 दिनों से पेरिस में रिटायरमैंट के खिलाफ एहतिजाज कर रहे हैं। रिटायरमेंट की उम्र 57 से बढ़ा कर 59 साल कर दी गई है। ये कारकुन दारुल हुकूमत (राजधानी) के तकरीबन 20 अजला में से आधे में कचरा उठाने का काम करते हैं, जबकि दीगर इलाकों को निजी कंपनीयां सँभालती हैं। मेयर बर्कले ने जुमा को मश्वरा दिया कि फौज से सड़कों को साफ करने का मुतालिबा किया जाए। पैरिस में जुमे की शब मुजाहिरीन के साथ फ्रÞांसीसी फसादाद की पुलिस की झड़प हुई। 

आस्ट्रेलिया में शदीद गर्मी से लाखों मछलियां मर गई

सिडनी : आस्ट्रेलिया के जुनूब मशरिकी (दक्षिण-पश्चिमी) इलाके में पानी के तालाब और नदी में पानी की कमी और शदीद गर्मी के बाइस लाखों मछलियां मरी हुई पाई गईं। एसोसीएटड न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक न्यू साउथ वेल्ज रीजन में प्राइमरी इंडस्ट्रीज के महकमे के जिÞम्मेदारों का कहना है कि इतनी बड़ी तादाद में मछलियों के मरने की वजह शदीद गर्मी की लहर है। 
    रिपोर्ट में बताया गया है कि मछलियों की मौत मुम्किना तौर पर आॅक्सीजन की कम सतह की वजह से हुई है। गर्म मौसम की वजह से मछलियों को ज्यादा आॅक्सीजन की जरूरत होती है, जिसकी वजह से सूरत-ए-हाल खराब है। आस्ट्रेलिया के जुनूबी इलाके मेनेंदी के करीबी कस्बे के रिहायशियों ने मुर्दा मछलियों के मौजूदगी के बाइस शदीद बदबू की शिकायत की है। एक मुकामी शहरी जान डैननिग ने बताया कि इतनी बड़ी तादाद में मुर्दा मछलियों को देखना इंतिहाई खौफनाक है और बदबू में रहना मुश्किल तरीन है। 
    मेंनदी के शुमाल में रहने वाले लोग कहते हैं कि यहां बहने वाले दरिया के नीचे हर तरफ मुर्दा मछलियाँ तैर रही हैं। यही बदबूदार पानी शहरों के पंपिंग स्टेशनों पर आता है। गुजिश्ता हफ़्तों में दरिया में मछलियों की बड़े पैमाने पर मरने की इत्तिला मिली है। वाजेह रहे कि 2018 के आखिर और 2019 के शुरुआत में शदीद खुश्कसाली के दौरान मैंनदी के दरिया पर मछलियों की बहुत ज्यादा हलाकतें हुई थीं।
 

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