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Shihab Chittur |
आखिरकार शहाब चित्तूर ने वाघा बॉर्डर क्रास कर लिया। और इस तरह पैदल सफरे हज की जानिब शिहाब एक बार फिर रवाँ-दवाँ हो गए। उनका सफर पिछले चार माह से पाकिस्तानी सिफारतखाने से लाजिÞमी सफरी कागजात मौसूल ना होने के सबब थम सा गया था। मणीपुरम से ताल्लुक रखने वाले शिहाब चित्तूर (29) ने इतवार को अपने फेसबुक अकाउंट पर इस बात का ऐलान किया था कि पाकिस्तान से ट्रांजिट वीजा मौसूल हो गया है। जिसके सबब पीर की सुबह को पाकिस्तान की हद में दाखिल हो जाएंगे। और हुआ भी वही जिसका उन्होंने फेसबुक पर ऐलान किया था। शिहाब चित्तूर ने वाघा बॉर्डर पर एक वीडीयो बना कर इंस्टाग्राम पर पोस्ट की। वीडीयो में उन्हें वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तानी आॅफिस में चाय पीते हुए देखा जा सकता है, जहां पाकिस्तानी सब्ज हिलाली पर्चम भी लगा हुआ है। इसके कुछ ही देर बाद वो पाकिस्तान की सरजमीन में दाखिल हो गए। वो पंजाब में ट्रांजिट वीजा के इंतिजार में गुजिश्ता चार माह और नौ दिनों तक खास्सा, अमृतसर में आफीया किड्ज स्कूल में मुकीम थे। शिहाब ने वीडीयो में अपने कियाम की सहूलत फराहम करने पर आफीया स्कूल हुक्काम का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि वो स्कूल में ये कह कर आया था कि वो वहां सिर्फ तीन दिन कियाम करेगा, लेकिन ट्रांिजट वीजा का इंतिजार ताखीर का शिकार हो गया। वो अब तक 3,300 किलोमीटर पैदल सफर तै कर चुके हैं, जिसमें केराला से पंजाब तक सात रियास्तों का अहाता किया गया है। शिहाब, जिसने 2 जून को मणीपुरम से अपना 8,640 किलोमीटर का सफर शुरू किया था, सितंबर में वाघा बॉर्डर के करीब पहुंचा लेकिन इसके पास ट्रांजिट वीजा ना होने की वजह से सरहद पार ना हो सका।
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