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हज के लिए दरखास्तें कबूल करने में ताखीर, स्मृति ईरानी से वफद ने की मुलाकात

‘नई तहरीक’ ने पहले ही इस पर इजहारे फिक्र किया था कि हज 2023 के लिए दरख्वास्त का अमल देर से शुरू हो रहा है

नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया 
सफर हज 2023 का अब तक ऐलान नहीं हुआ है, जबकि मई के आखिर में हिन्दोस्तान से परवाजें रवाना होनी हैं। 9 जनवरी को हुकूमत हिंद और सऊदीया हुकूमत के दरमियान दो तरफा मुआहिदा भी हो चुका है जिसमें हिन्दोस्तान का हज कोटा एक लाख पछत्तर हजार मुखतस किया गया है। लेकिन अब तक ना तो नई हज पालिसी का ऐलान किया गया है और ना ही सफर हज 2023 के आॅनलाइन फार्म जारी किए गए हैं जिसको लेकर अवाम में बड़ी बेचैनी की कैफीयत बनी हुई है।
    मुआमले पर सीनीयर हज रजाकार हाजी रियाज उद्दीन ने आज मर्कजी वजीर-ए-कलीयाती उमूर स्मृति ईरानी की रिहायश गाह पर एक खत दिया और उनकी तवज्जो इस जानिब मबजूल कराते हुए मुतालिबा किया है कि जल्द अज जल्द हज कमेटी आफ इंडिया के जरीये हज फार्म जारी करवाने की हिदायत जारी करें। इस मौका पर उनके साथ हज रजाकार हाजी नवाब अहमद भी मौजूद थे। मर्कजी वजीर को लिखे खत में हाजी रियाज उद्दीन ने कहा कि मुल्क के मुस्लमान और हज पर जाने वाले आजमीन तकरीबन तीन माह से हज के ऐलान का इंतिजार कर रहे हैं। 
    हज उमूर के बेशतर काम वजारत-ए-खारजा, वजारत शहरी हवाबाजी, वजारत अकलीयती उमूर और वजारत-ए-दाखिला के साथ मिलकर किए जाते हैं। उन्होंने आगे लिखा है कि मैं आपकी तवज्जा मबजूल करवाना चाहता हूँ कि हज 2019 का हज फार्म 17 अक्तूबर 2018 को वेबसाइट पर जारी किया गया थाञ हज 2020 का हज फार्म 10 अक्तूबर 2019 को वेबसाइट पर जारी किया गया था। और 2022 के लिए हज फार्म 1 नवंबर 2021 को वेबसाइट पर जारी किया गया था, जिसमें हज कमेटी आफ इंडिया की तरफ से आजमीन के काम और आजमीन के फार्म भरने के लिए तकरीबन चार माह का वक़्त दिया गया था। लेकिन इस साल 3 फरवरी 2023 के लिए हज का फार्म अभी तक हज कमेटी आफ इंडिया की तरफ से जारी नहीं किया गया है, इस हकीकत के बावजूद कि 9 जनवरी 2023 को हज 2023 के लिए हिन्दुस्तानी आजमीन के कोटा को ऐलान कर दिया गया है। 
    हाजी रियाज उद्दीन ने लिखा कि इस सिलसिले में मैं आपकी तवज्जा इस हकीकत की तरफ भी मबजूल करवाता हूँ कि मैं गुजिश्ता 25 साल से किसी सियासी जमात से वाबस्ता हुए बगैर हुज्जाज किराम की सहूलत के लिए काम कर रहा हूँ। हज हमारा बैन-उल-अकवामी सफर है, जिस पर आपको खुसूसी तवज्जा देनी चाहिए और हज कमेटी आफ इंडिया को सख़्ती से हिदायात दें कि वो अपने मुल्क के आजमीन-ए-हज्ज को परेशानीयों और मुश्किलात से बचाने के लिए बिला ताखीर हज फार्म जारी करें। 
    उन्होंने आगे लिखा कि मुझे यकीन है कि आप इस सिलसिले में जाती दिलचस्पी लेंगी। इंडियन यूनीयन मुस्लिम लीग के अरकान-ए-पार्लियामेंट ईटी मुहम्मद बशीर, रब नवाज गनी, पीवी अब्दुल वाहाब और अबदुस्समद समदानी पर मुश्तमिल एक वफद ने भी मर्कजी अकल्लीयती उमूर की वजीर स्मृति ईरानी से मुलाकात की और मुतालिबा किया कि इस साल हज के लिए दरखास्तें कबूल करने में ताखीर इंतिहाई संगीन मसला है। जिसका फौरी हल तलाश किया जाना चाहिए। मर्कजी हुकूमत ने अभी तक हज पालिसी शाइआ नहीं की है। हज के लिए दरखास्त भी नहीं दी जाती। ताखीर हुज्जाज किराम और हज के तरीका-ए-कार को सँभालने वाले अहलकारों के लिए सर-दर्द का बाइस बन सकती है। ईटी मुहम्मद बशीर ने कहा कि इस्लाम के पाँच अरकान में शामिल हज मुस्लमानों के लिए इंतिहाई अहम फरीजा है जिसकी तैयारी एक मुस्लमान बरसों से करता है और सालभर प्रोसेस में लगता है। इस अहम फरीजा में ताखीर से मुस्लमानों में बेचैनी पाई जा रही है। बाकी चार अरकान तो मुस्लमान अपने वतन में अदा करता है लेकिन हज एक ऐसा रुकन है जिसके लिए सफर हज पर मक्का मुकर्रमा जाना फर्ज है। लिहाजा इस ताखीर के वजूहात सामने लाने चाहीए या फिर जल्द अज जल्द उसकी कार्रवाई शुरू कर देनी चाहीए। इस वफद में शामिल दिल्ली प्रदेश के सदर मौलाना निसार अहमद नक़्शबंदी, पार्र्टी के जनरल सेक्रेटरी खुर्रम अनीस उमर, सय्यद नयाज अहमद राजा, यूथ लीग कौमी सदर आसिफ अंसारी,  दिल्ली प्रदेश के जनरल सेक्रेटरी शेख फैसल हुस्न, अहमद खान एमएसएफ के कौमी जनरल सेक्रेटरी, मुहम्मद आसिफ, मुईन उद्दीन अंसारी, नायब सदर, नूरुश्शम्स, मुहम्मद जाहिद, नायब खजानची, मौलाना दीन मोहम्मद कासिमी भी मौजूद थे।



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