आमिर हुक्मराँ साबिक सदर जनरल मुशर्रफ की मय्यत पाकिस्तान भेजने की तैयारीयां मुकम्मल कर ली गईं है। साबिक आर्मी चीफ गुजिशता रोज अमाइलाईडोसिस नामी गैरमामूली बीमारी के साथ तवील जंग के बाद इंतिकाल कर गए थे, उनकी उम्र 79 बरस थी।
तजुर्मान दफ़्तर-ए-खारजा मुमताज जहरा बलोच ने कहा कि मुत्तहदा अरब अमीरात में मौजूद हमारा सिफारती अमला परवेज मुशर्रफ के खानदान के साथ मुसलसल राबते में हैं। तजुर्मान दफ़्तर-ए-खारजा ने बताया कि साबिक सदर की मय्यत की पाकिस्तान मुंतकली के सिलसिले में अहिल-ए-खाना को हर तरह की सहूलत फराहम कर रहे हैं। परवेज मुशर्रफ का जसद-ए-खाकी कराची में सपुर्द-ए-खाक किया जाएगा, उनकी मय्यत को खुसूसी परवाज के जरीये पाकिस्तान वापिस लाया जाएगा। उनकी मय्यत की वतन वापसी के अमल में उनके अहिल-ए-खाना को सहूलत फराहम करने के लिए दुबई में पाकिस्तान के कौंसुलेट जनरल ने नो आॅब्जेक्शन सर्टीफिकेट भी जारी कर दिया है। एक मीडीया रिपोर्ट में काउंसलि जनरल हुस्न अफजल खान के बयान का हवाला देते हुए बताया गया कि हम खानदान के साथ मुसलसल राबते में हैं और इस सिलसिले में कौंसलखाना हर तरह से सहूलत फराहम करेगा, जबकि कौंसिल खाने ने उनकी मय्यत वापसी के लिए एनओसी भी जारी कर दिया है।
गुजिशता रोज साबिक सदर की मय्यत पाकिस्तान लेकर जाने के लिए अहिल-ए-खाना की जानिब से कौंसलखाना दुबई में दरखास्त कर दी गई थी। परवेज मुशर्रफ की मय्यत लेने के लिए पाकिस्तान से तय्यारा आज दुबई पहुँचेगा, खुसूसी तय्यारा नूर खान एयर बेस से दुबई के अलमकतोम एयरपोर्ट पहुँचेगा। साबिक फौजी हुकमरान मार्च 2016 में ईलाज के लिए दुबई चले गए थे और इसके बाद से वो पाकिस्तान वापिस नहीं आए थे।