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जलजला : तीसरे रोज भी मलबे में दबी जिंदगी की तलाश जारी, अम्वात 9000 से बढ़ गई

दुबई : आईएनएस, इंडिया 
खौफनाक जलजला से तुरकिया और शाम में अम्वात की तादाद बढ़ती जा रही है, इमदादी कारकुनों और टीमों ने मलबे तले से नाशों को निकालने का काम जारी रखा हुआ है। हालिया आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक हलाकतों की तादाद 9000 से भी बढ़ गई हैं। जलजला से तुरकिया और शाम में हजारों इमारतें मुनहदिम हो गई हैं। तुरकिया के एमरजेंसी डिपार्टमेंट ने बुध को ऐलान किया कि तुरकिया के जुनूब मशरिक में आने वाले जलजले से मरने वालों की तादाद 6.234 हो गई है। जख्मियों की तादाद 37,011 तक पहुंच गई है। जुनूबी तुर्की में पनाहगाहों और हस्पतालों में रश लग गया है। उसी दौरान तुरकिया फौज के तय्यारों ने उदाना और मलात्या से मुतअद्दिद जख्मियों को इस्तंबोल मुंतकिल किया। दूसरी तरफ सेरीयन आॅब्जर्वेटरी फार हियूमन राइट्स के मुताबिक शुमाल मगरिबी शाम में हलाकतों की तादाद तकरीबन 2700 तक पहुंच गई। वर्ल्ड हेल्थ आगेर्नाईजेशन ने ऐलान किया कि उसे खदशा है कि अम्वात की असल तादाद इबतिदाई बयान की गई तादाद से 8 गुनाह ज्यादा होगी।

कोई ये पत्थर हटा दे तो मेरी मां बच जाएगी

अंकरा : हुक्काम का कहना है कि अब तक मुल्क के 10 सूबों में मलबे से आठ हजार से ज्यादा अफराद को निकाला जा चुका है और लगभग तीन लाख 80 हजार अफराद को हुकूमत की जानिब से कायम करदा खेमों या होटलों में ठहराया गया है। सदर रजब तय्यब अर्दगान ने कहा है कि जलजले से एक करोड़ 30 लाख अफराद मुतास्सिर हुए हैं। उन्होंने मुतास्सिरा सूबों में हंगामी हालत भी नाफिज कर रखी है। नूर गुल जलजले से मुतास्सिरा सूबे खताए के शहर की रिहायशी हैं। उन्होंने एपी से गुफ़्तगु में बताया कि घर के मलबे से उनकी माँ की आवाज आ रही थी लेकिन उन्हें बचाने के लिए आने वाले रेस्क्यू अहलकारों के पास मलबा हटाने के लिए आलात ही नहीं थे। उन्होंने कहा कि अगर कंक्रीट का एक टुकड़ा हटा दिया जाए तो वो अपनी माँ तक पहुंच सकती हैं। उनके बाकौल, मेरी वालिदा जिनकी उम्र 70 बरस है और वो ज्यादा वक़्त मलबे के ढेर के नीचे जिंदा नहीं रह सकतीं। 
    तुरकिया के वजीर-ए-सेहत के मुताबिक खताए सूबे में 1647 अफराद हलाक हुए हैं जो जलजले से मुतास्सिरा मुल्क के किसी भी सूबे में सबसे ज्यादा है। उन्होंने बताया कि खताए एयरपोर्ट का रन वे बुरी तरह मुतास्सिर होने की वजह से एयरपोर्ट को परवाजों के लिए बंद कर दिया गया है, जिसकी वजह से इमदादी कामों में दुशवारी का सामना है। दूसरी जानिब शाम में हुकूमत के जे़रे असर इलाकों में हलाकतों की तादाद 812 तक पहुंच गई है, जबकि बागियों के जे़रे कबजा इलाकों में एक हजार से ज्यादा अफराद हलाक हुए हैं।


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