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earthquake in syria and turkey after shoks tsunami alert, |
इस्तांबूल : आईएनएस, इंडिया
तुर्की में जलजला शोध इंस्टीटियूट के डायरेक्टर हालोक ओजनर ने खबरदार किया है कि कहर अमान और मराश में आने वाला 7.4 शिद्दत का जलजला बहीरा रुम में सूनामी का सबब बन सकता है। अमरीकी नेटवर्क सीएनएन को इंटरव्यू देते हुए ओजनर ने कहा कि हमें 1999 के बाद इस इलाके में आने वाले जलजले से होने वाले सबसे बड़े नुक़्सान का सामना करना अभी बाकी है। उन्होंने आगे कहा कि अंदाजा है कि जलजला मशरिकी अनातोलिया के इलाके में आया जिसकी वजह से 180 किलोमीटर तक दरार पड़ गई है। यह भूकंप 17 अगस्त 1999 के भूकंप के बाद आया बड़ा भूकंप है। ओजनर ने आगे कहा कि आफ्टर शाक्स महीनों तक जारी रह सकता है। ये मुद्दत एक साल तक लंबी हो सकती है। हमें इस खतरे का सामना करना पड़ सकता है कि जलजला बहीरा रुम के इलाके में सूनामी का सबब बनेगा। हमने 14 मुल्कों को इससे आगाह कर दिया है।
ग्लेशियर्ज पिघलने से सैलाब का खतरा, हिंद-पाक को ज्यादा खतरा
न्यूयार्क : एक ताजा शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि फ्यूचर में ग्लेशियर्ज पिघलने से बनने वाली झीलें फटने के सबब आने वाले सैलाबों से पाकिस्तान और भारत समेत दुनियाभर में डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हो सकते हैं। नेचर कम्यूनीकेशन नामी साईंसी पत्रिका में प्रकाशित होने वाली एक शोध में कहा गया है शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे है कि भविष्य में आने वाले सैलाबों से दुनियाभर में डेढ़ करोड़ 15 मिलियन लोग बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं जिसमें आधे से ज्यादा लोगों का ताल्लुक पाकिस्तान, हिन्दोस्तान और चीन से हो सकता है। जबकि सबसे ज्यादा खतरा पाकिस्तान को होगा। बर्तानिया की न्यूकासल यूनीवर्सिटी के फिजीकल जीवग्राफर और शोध के लेखक ने कहा, बढ़ते तापमान में ग्लेशियर से बनने वाली झीलें फटने के चलते सैलाबों का खतरा और बढ़ जाता है। मकसद सिर्फ ग्लेशियरज से बनने वाली झीलों की तादाद मालूम करना नहीं था बल्कि इसमें हमने उन मुल्कों को भी तवज्जा का केंद्र में रखा है जो सैलाब की आफत से प्रभावित हो सकते हैं।nai tahreek, naitahreek, tahreek, tahreeke nav