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ईरानी खातून ने की हिजाब के बगैर शतरंज के मुकाबले में शिरकत

दुबई : आईएनएस, इंडिया 

ईरान से ताल्लुक रखने वाली शतरंज की खातून खिलाड़ी ने लिबास से मुताल्लिक हुकूमती कवाइद की खिलाफवरजी करते हुए हिजाब पहने बगैर बैन-उल-अकवामी मुकाबले में हिस्सा लिया। 

file photo

    खबररसां इदारे रोइटरज के मुताबिक ईरानी शहरी सारा खादिम ने काजकसतान के शहर उलमाती में होने वाले शतरंज के मुकाबले में हिजाब के बगैर हिस्सा लिया जबकि ईरानी हुकूमत की पालिसी खवातीन को एक मखसूस ड्रैस कोड अपनाने का पाबंद करती है। ख़्याल रहे कि 22 साला कुर्द ईरानी खातून महसा अम्मीनी को भी नामुनासिब लिबास पहनने के इल्जाम में गिरफ़्तार किया गया था जिसके बाद पुलिस हिरासत में ही उनकी मौत हो गई थी। महसा अम्मीनी की हलाकत के खिलाफ मुल्कगीर मुजाहिरे हुए और हर उम्र की खवातीन ने इसमें शिरकत कर अपना एहतिजाज रिकार्ड करवाया। 
    सारा खादिम से पहले भी स्पोर्टस के शोबे से ताल्लुक रखने वाली ईरानी खवातीन बैन-उल-अकवामी मुकाबलों के दौरान स्कार्फ ना पहन कर मिसाल कायम कर चुकी हैं। ताहम (हालांकि) इंटरनेशनल मास्टर और वीमन ग्रैंडमास्टर का टाइटल जीतने वाली सारा खादिम ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर हालिया मुकाबले से मुताल्लिक कोई मालूमात शेयर नहीं की हैं। इंटरनेशनल चेस फैडरेशन की वेबसाइट पर मौजूद मालूमात के मुताबिक सन 1997 में पैदा होने वाली सारा खादिम दुनियाभर में 804 वें नंबर पर हैं। सन 1979 के इन्किलाब के बाद से हालिया मुजाहिरे ईरानी हुकूमत के लिए सबसे बड़ा चैलेंज बन गए हैं, जिनमें हर शोबा जिंदगी से ताल्लुक रखने वाले अफराद ने शिरकत की। इन मुजाहिरों में बिलखसूस खवातीन ने इंतिहाई अहम किरदार अदा किया। खवातीन ने हुकूमती कवानीन की खिलाफवरजी करते हुए हिजाब के बगैर मुजाहिरों में शिरकत की बल्कि अपने बालों को नजर-ए-आतिश भी किए। 
    ईरानी मर्द और खवातीन एथलीट्स भी हुकूमत मुखालिफ मुजाहिरों की भरपूर हिमायत करते रहे हैं। अक्तूबर में ईरानी कोहे पैमा (पर्वतारोही) एलिनाज रकाबी ने जूनूबी कोरिया में होने वाले मुकाबले में हिजाब पहने बगैर शिरकत की थी, ताहम बाद में एलिनाज रकाबी ने कहा कि ऐसा उन्होंने गैर इरादी तौर पर किया था। ईरानी हुकूमत ने मुजाहिरों को फसादाद करार देते हुए दीगर ममालिक पर इल्जाम आइद किया कि वो मुजाहिरीन को उकसाने के जिÞम्मेदार हैं। इन्सानी हुकूक की ईरानी तंजीम हरना का कहना है कि मुजाहिरों में अब तक 507 अफराद हलाक हो चुके हैं जबकि सिक्योरिटी फोर्सेज के 66 अहलकार भी मारे गए हैं। जबकि हुकूमत के मुताबिक सिक्योरिटी अहलकारों समेत 300 अफराद अब तक हलाक हो चुके हैं।

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