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कल्पतरू सेवा समिति ने बुजुर्गों की सेवा कर की नए साल की शुरुआत

नई तहरीक : भिलाई

स्वामी श्री स्वरूपानंद महाविद्यालय की कल्पतरू सेवा समिति ने नव वर्ष के अवसर पर आस्था वृद्धाश्रम, बहुद्देश्यीय कल्याण संस्था, सेक्टर 8 भिलाई में बुजुर्गाें को राशन एवं दैनिक उपयोगी सामान का वितरण किया। 

नववर्ष सभी के लिए मंगलमय हो, की कामना के साथ महाविद्यालय के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा आश्रम में निवासरत बुजुर्गों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर उन्हें दैनिक सामान का वितरण किया गया। संस्था के संचालक राजेन्द्र सरगनीया ने कहा कि उन्होंने निजी जीवन में बुजुर्गों को घर से बेघर होते देखा, बच्चों द्वारा माता-पिता को उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है इसलिए भिलाई स्टील प्लांट से सेवानिवृत्त होते ही उन्होंने संकल्प लिया कि वे बुजुर्गों के लिए ऐसी संस्था की नींव रखेंगे, जहॉं उन्हें घर जैसा माहौल मिले। 

महाविद्यालय के सीओओ डॉक्टर दीपक शर्मा ने कल्पतरू सेवा समिति को नववर्ष के पूर्व ऐसे सामाजिक आयोजन हेतु बधाई दी। कल्पतरू सेवा समिति की चेयरमैन डॉ. मोनिशा शर्मा ने बताया कि समिति द्वारा बुजुर्गों समाज की मुख्यधारा से जोड़कर उन्हें नई दिशा देने समिति सदैव प्रयासरत रहेगी। प्राचार्य एवं कल्पतरू सेवा समिति की अध्यक्ष डॉ. हंसा शुक्ला ने बताया कि समय-समय पर कल्पतरू सेवा समिति द्वारा समाज कल्याण के लिए कार्य किया जाता है इससे स्टॉफ एवं विद्यार्थियों में सामाजिक सहभागिता का विकास होता है।

कल्पतरू सेवा समिति के सदस्यों ने संस्था का अवलोकन करते हुए बुजुर्गों से बातचीत के दौरान उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त की एवं उन्हें एक बेहतर माहौल देने का प्रयास किया। इस दौरान संस्था को दाल, चावल, तेल, गुड़ और साबुन आदि का वितरण किया गया। इस अवसर पर कल्पतरू सेवा समिति की सचित खुशबू पाठक, कोषाध्यक्ष डॉ शिवानी शर्मा एवं सदस्य सहायक प्राध्यापक सुनीता शर्मा, क्रीडा अधिकारी एमएम तिवारी, सहायक प्राध्यापक संयुक्ता पाढ़ी और गोल्डी राजपूत उपस्थित रहे।

एनएसएस स्वयं सेवकों ने वृद्ध आश्रम में बिताया नववर्ष का पहला दिन

नीचे गिरे सूखे पत्तों पर अदब से चलना जरा,
कभी कड़ी धूप में तुमने इन्हीं से पनाह मांगी थी।

भिलाई : एनएसएस नोडल अधिकारी संयुक्ता पाढ़ी ने बताया कि वृद्धआश्रम प्रकृति की देन नहीं बल्कि यह वृद्धों की वयस्क संतानों तथा परिवार के सदस्यों द्वारा तिरस्कृत, वृद्धों का समाज है। स्वयं सेवक भी युवा हैं और वृद्धाआश्रम में अपनी सेवाएं देने तथा कुछ समय व्यतीत करने के बाद यदि वृद्धों को देखने का उनका दृष्टिकोण परिवर्तित होता है, तो एनएसएस का मुख्य उद्देश्य ‘मैं नहीं, पहले आप’ सार्थक होता है। 

संस्था के संचालक राजेंद्र सरगनिया ने बताया कि सेवानिवृत्ति के बाद से उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन उन बुजुर्गों को आश्रय देने में समर्पित कर दिया जो अपनी संतानों द्वारा परित्यक्त हैं। सीओओ डॉ दीपक शर्मा ने कहा, यह पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव ही है कि भारतवर्ष में भी अत्यंत संपन्न समृद्ध परिवार के बुजुर्ग वृद्ध आश्रम में रहने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा, एनएसएस स्वयंसेवकों का यह कदम सराहनीय है। एनएसएस स्वयंसेवक अंश शर्मा, अनीश सिंह, स्नेहा अनासने, स्नेहा गुहे, ओम करसायल, सीपिका टांक, हर्षिता साहू, चंद्रशेखर साहू, हिमांशु सेन, दीपांशु चंद्राकर, लाक्षी हेड़ाउ, भावेश शाह, समीर, अयाज, कमलदीप सिंह, ऋषि, मुस्कान, शीतल और दीपा आदि की उपस्थिति से आश्रम के बुजुर्ग प्रसन्न हुए। स्वयं सेवकों ने अपने साथ बुजुर्गों को उनकी कविताओं, कहानियों तथा नाच-गाने के माध्यम से प्रसन्न कर दिया। प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि बढ़ते वृद्धाश्रम घटते जीवन मूल्यों का प्रतीक हैं, स्वयं सेवकों के सेवा कार्य से ना केवल उनमें बल्कि समाज में भी यह संदेश जाएगा कि हमें आत्म केंद्रित होने की नहीं बल्कि अपने अंदर नैतिक मूल्यों में वृद्धि करने की आवश्यकता है। स्वयंसेवकों के अतिरिक्त वृद्ध आश्रम में महाविद्यालय से डॉ शिवानी शर्मा, खुशबू पाठक, सुनीता शर्मा, एमएम तिवारी आदि उपस्थित थे। 


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