दोहा : आईएनएस, इंडिया
कतर में जारी फीफा आलमी कप में फुटबाल टूर्नामेंट की तारीख में अब तक की सबसे ज्यादा हाजिरी रिकार्ड की गई है, जिसके मुताबिक कतर में मैच देखने आने वालों की तादाद साढे़ 24 लाख तक पहुंच गई है जो अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा है।
फीफा की अपने कतर 2022 पोर्टल पर जारी होने वाली एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 13 दिन और 48 मैच के बाद मध्य पूर्व में होने वाले टूर्नामेंट के पहले एडीशन में रिकार्ड टर्न आउट देखने में आया है। इसमें औसतन 96 फीसद दर्शक मैच देखने स्टेडीयम पहुंचे। रूस में 2018 के विश्व कप के दौरान में कुल तमाशाइयों की तादाद 21 लाख 70 हजार रिकार्ड की गई थी। सन 1994 के फुटबाल विश्व कप के फाईनल के बाद टूर्नामेंट की तारीख में अब तक की दर्शकों की सबसे ज्यादा हाजिरी कतर के लोसेल स्टेडीयम में देखी गई 26 नवंबर को 88.966 दर्शकों ने अर्जनटाइन और मैक्सीको का ग्रुप मैच देखने पहुंचे थे।
ये भी रिकार्ड
विश्वकप के इस एडीशन में एक और दिलचस्प मंजर ये है कि तमाम खाड़ी देशों की टीमों आस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया पहली मर्तबा नाक आउट 16 तक पहूंची है। ये खुद एक रिकार्ड है। इससे पहले साल 2002 और 2010 में इस इलाके की सिर्फ दो टीमें इस पड़ाव तक पहुंची थी। ये बात भी काबिल-ए-जिÞक्र है कि दो अफ्रÞीकी टीमें सेनीगाल और मराकश भी नाक आउट मरहले में पहुंच गई हैं।
फीफा के चीफ आफ ग्लोबल फुटबाल डेवलपमेंट ने इतवार को एक बयान में कहा कि ये बात खास तौर पर काबिल-ए-जिÞक्र है कि पुर्तगाली टीम ने इस टूर्नामेंट में एक अलग रिकार्ड कायम करते हुए वर्ल्ड कप के पांच एडीशन में स्कोर करने वाले तारीख के पहले खिलाड़ी बन गए हैं। इसी तरह कतर में जारी विश्व कप के किसी मैच में एम्पायरिंग करने वाली पहली महिला रेफरी इस्टीफनी बनने का इतिहास दर्ज किया है। उन्होंने नेजाबैक और केरन दियाजमदेना के साथ मैच का चार्ज संभाला था। इस तरह वो फीफा विश्व कप के मैच में रैफरी बनने वाली पहली तीन महिला बनीं। कतर में 20 नवंबर से शुरू हुआ विश्व कप फुटबाल टूर्नामेंट 18 दिसंबर तक जारी रहेगा।
मराकशी स्टार फुटबॉलर हकीम ने फीफा वर्ल्डकप की तनख़्वाह गरीबों में तकसीम कर दी
दोहा : फीफा वर्ल्डकप के सेमीफाइनल तक रसाई हासिल करने वाली मराकश टीम के स्टार फुटबॉलर हकीम जियाश ने ईवेंट के दौरान मिलने वाले 3 लाख 25 हजार डॉलर्ज गरीबों में बांट दिए।
मराकश से ताल्लुक रखने वाले एक मुसन्निफ खालिद बेदोन ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि हकीम जियाश 2015 से मराकश के लिए फुटबाल खेल रहे हैं लेकिन उन्होंने फुटबाल से मिला एक रुपया भी नहीं लिया है। खालिद बेदोन का कहना है कि हकीम अपनी तनख़्वाह आबाई इलाके मराकश के गरीब लोगों और अपनी टीम के अमले में तकसीम कर देते हैं। वाजेह रहे कि मराकश पुर्तगाल को हराकर फीफा वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली अरब और अफ्रÞीकी टीम है।