इराकी हुकूमत ने सिंजार गवर्नरी में यजीदी कबीले के खिलाफ जारी 47 साला इंतिकामी पालीसियों को खत्म करने का किया ऐलान
बगदाद : आईएनएस, इंडिया
इराकी हुकूमत की तरफ से यजीदी कबीले के खिलाफ जारी बर्ताव की वजह से ये लोग जुलम-ओ-सितम, पसमांदगी और बुनियादी हुकूक से महरूमी का शिकार थे।
इस हवाले से बगदाद हुकूमत ने एक तारीखी फैसला करते हुए यजीद कबीले के लोगों को मुसावी हुकूक देने और उनके साथ इमतियाजी सुलूक खत्म करने का ऐलान किया है। वाजेह रहे कि नैनवा सूबे के जिÞला सिंजार में तकरीबन एक चौथाई मिलियन इराकी यजीदी आबाद हैं। नैनवा गवर्नरी में बसने वाले यजीदी कबीले के लोगों के साथ 1975 से इमतियाजी सुलूक जारी रहा है। उन्हें अपने मकानात बनाने और रिहायशी जमीनों की मिल्कियत की इजाजत नहीं थी। इराकी वजीर-ए-आजम मुहम्मद श्याउ अल्सो दानी ने यजीदी कबीले के खिलाफ जारी इमतियाजी इकदामात खत्म करने का ऐलान किया है। उनके इस फैसले को सराहा गया है।
ये इकदाम इराक में अकलीयतों को मुसावी शहरी हुकूक देने की तरफ अहम पेश-रफ़्त है और इससे यजीदी कबीले के खिलाफ इंतिकामी हर्बों के खातमे में मदद मिलेगी। मुबस्सिरीन का कहना है कि मुहम्मद इलश्याउ अल्सो दानी का ये इकदाम ना सिर्फ अकल्लीयती बिरादरी के हुकूक की तरफ अहम पेश-रफ़्त है बल्कि ये इराक के मुफाद में है। इसमें अकलीयतों के हुकूक, किसी भी किस्म के इमतियाजी सुलूक और हुकूक पर डाका डालने के नतीजे में मुतास्सिरीन की तकालीफ का खातमा और उन्हें मकानात और मिल्कियत के मुकम्मल हुकूक देने की राह हमवार होगी। उन्हें रियास्ती इदारों की तामीर में हिस्सा लेने के साथ-साथ अपने नुमाइंदों के जरीये अपने हलकों के हुकूक हासिल करने का मौका मिलेगा।
इराकी वजीर-ए-आजम के मीडीया आॅफिस ने सिंजार में 47 साल की महरूमियों के बाद यजीदियों को अपने मकानात के मालिकाना हुकूक देने का ऐलान किया। वजीर-ए-आजम और अकवाम-ए-मुत्तहिदा की तरफ से मुशतर्का बयान में कहा गया है कि यजीदी कबीले के जो लोग 1975 से जिन घरों और जमीनों पर रह रहे हैं, वो उनके मालिक तसव्वुर किए जाऐंगे। बयान में मजीद कहा गया कि 12 दिसंबर 2022 को इराकी काबीना ने सिंजार में यजीदियों के लिए एक जामा और मुस्तकिल हल फराहम करने के लिए एक फरमान की मंजूरी दी थी। ये फरमान उन्हें 11 रिहायशी कम्पलैक्स में रिहायशी अराजी और मकानात की मिल्कियत उनके मकीनों को देगा। इस तरह यजीदी कबीले की तवील महरूमियों का खातमा हो सकेगा। ख़्याल रहे कि इराक में यजीदी कबीले को अकल्लीयत करार दिया गया है। इराक की साबिका हुकूमतें उनके हवाले से इंतिकामी पालिसीयों पर अमल पैरा रही रहीं। ये कबीला 'दाइश’ के बदतरीन जुल्म का भी निशाना बना रहा है।