नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
सुप्रीमकोर्ट ने इतिहास में ताजमहल के बारे में दी गई गलत मालूमात को हटाने की दरखास्त मुस्तर्द (रद्द) कर दिया है। और इस पर सख़्त तबसरा करते हुए कहा है कि अदालत इस मुआमले में कैसे समाअत कर सकती है।
दरअसल सुप्रीमकोर्ट में एक अर्ज गुजार की तरफ से अर्जी दायर की गई थी कि ताजमहल के हवाले से किताबों में जो तारीख दिखाई गई है, वो पूरी तरह से गलत है और उसे जल्द अज जल्द हटाया जाना चाहिए। इसके साथ ही ताजमहल की सही तारीख का ताय्युन करने के लिए एसआई को हिदायत देने और तामीर के हवाले से दी गई गलत मालूमात को दूर करने का मुतालिबा भी किया गया था। सुप्रीमकोर्ट ने इस अर्जी पर समाअत करते हुए अर्ज गुजार से पूछा कि ये किस किस्म की मफाद-ए-आम्मा (पीआईएल) है। बेंच ने पूछा कि अदालत ये फैसला कैसे करेगी कि किताबों में दिए गए तारीखी हकायक दुरुस्त हैं या नहीं।
सुप्रीमकोर्ट के तबसरे के बाद दरखास्त गुजार ने दरखास्त वापिस लेने की बात कही। बता दें कि दो माह कब्ल सुप्रीमकोर्ट ने इससे पहले की एक ऐसी ही अर्जी पर गौर करने से इनकार कर दिया था जिसमें ताजमहल की असल तारीख जानने और यादगार के बंद कमरों को खोलने का मुतालिबा किया गया था।