टोकियो : आईएनएस, इंडिया Toilet Paper
जापान में खुदकुशी करने वाले नौजवानों को ऐसा करने से रोकने के लिए एक अनोखा तरीका आजमाया जा रहा है। इस मुहिम के लिए टायलट पेपर इस्तिमाल किया जा रहा है। जापान में नौजवान तबके में खुदकशी का रुजहान लंबे समय से चली आ रही समस्या है। हुकूमत लंबे अर्से से मुख़्तलिफ तरीकों के जरीए इस संगीन मसले पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब तक उन्हें कोई खास कामयाबी हासिल नहीं हुई थी। अब जापान के मध्य में हुकूमत ने एक नए और अनोखे तरीके से मुल्क के नौजवानों को खुदकुशी जैसे जुर्म से रोकने की कोशिश शुरू की है।
उम्मीद कि कारगर साबित होगा ट्वायलेट पेपर का इस्तेमाल
टायलट पेपर का इस्तिमाल जहां आम है, वहां हर किसी की नजर इस पर जरूर पड़ती है। अगर टायलट पेपर पर कुछ दर्ज हो तो यकीनन उसका इस्तिमाल करने वाला एक लम्हे के लिए उस पर गौर जरूर करेगा। यही मकसद है, जापानी हुकूमत का, जिसके लिए उन्होंने ये मुहिम शुरू की है। जिंदगी से बेजार नौजवान, जो अपनी जान लेने पर तुले होते हैं, उनके लिए टायलट पेपर पर मुख़्तलिफ पैगामात प्रिंट किए गए हैं। जापान के शहर यामाना शि के एक हुकूमती अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएफपी को इस मुहिम के बारे में बताया कि ट्वायलेट में जहां लोग अकेले होते हैं, ऐसे में खुदकशी का इरादा ज्यादा जोर मारता है। इस सूरत में कोई ऐसा पैगाम, जो खुदकुशी का इरादा रखने वाले के जहन पर फौरी तौर से असर कर जाए, टायलट पेपर्ज पर मुख़्तलिफ पैगामात छपवाए गए हैं। टायलट पेपर, जो आम तौर पर सफेद कागज का होता है, उस पर नीले रंग से ये पैगामात पढ़े जा सकते हैं। मिसाल के तौर पर दर्ज है, प्यारे सारिफ, आप एक अर्से से तकलीफदेह जिंदगी गुजार रहे हैं, गरचे आप दूसरों के आगे खुद को बिलकुल ठीक पेश कर रहे होते हैं। एक और पैगाम जो टायलट पेपर पर दर्ज है, वो है, आपको हमें सब कुछ बताने की जरूरत नहीं, लेकिन अगर आप हमारे साथ अपनी थोड़ी सी हालत शेयर कर लें तो कैसा रहेगा।
जापान में खुदकशी की गैरमामूली दर एक तबाहकुन मसला बन गई है। हालांकि गुजिश्ता बरसों के दौरान दुनिया के चंद दूसरे मुल्कों की तरह जापान में भी कोरोना खुदकशी की दर में इजाफे़ का सबब बनी है। हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक 2020 में प्राइमरी, सेकंडरी और हाई स्कूल के स्टूडेंट्स की खुदकुशी से होने वाली मौतों की दर ने एक नया रिकार्ड कायम किया है। जापान की हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक महज इस एक साल यानी 2020 में खुदकशी के 499 मामले दर्ज किए गए हैं।