लंदन : आईएनएस, इंडिया
यूरोप के कई मुल्कों में यूक्रेन के दूतावास को खून से सने पार्सल भिजवाए गए हैं जिनके भीतर जानवरों की आंखें बरामद हुई हैं। बर्तानवी अखबार गार्डियन के मुताबिक मैड्रिड में यूक्रेनी दूतावास को शुक्रवार को ऐसा ही एक पार्सल मिला जिसके अंदर जानवरों की आंखें थीं और डिब्बा खूनआलूद था।
यूक्रेन और स्पेन के हुक्काम का कहना है कि पार्सल का ये सिलसिला सिर्फ एक मुल्क तक सिमटा नहीं रहा बल्कि कई मुल्कों में यूक्रेनी दूतावास के साथ भी ऐसा ही हुआ है। अखबार के मुताबिक शुक्रवार को पार्सल आने के बाद स्पेन की राजधानी मैड्रिड में स्थित यूक्रेनी एंबेसी की इमारत को घेरे में ले लिया गया और इर्दगिर्द के इलाकों में सर्च आॅप्रेशन भी किया गया। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि अब तक 17 दूतावास को बम से उड़ाने की धमकियों के अलावा ऐसे लिफाफे मिल चुके हैं, जिनमें जानवरों की आँखें थीं। ख़्याल रहे कि कुछ दिन पहले मैड्रिड में यूक्रेनी दूतावास में ऐसे लिफाफे भेजे गए थे, जिन्हें खोलने पर धमाका हुआ था और दूतावास का एक अधिकारी मामूली जखमी हुआ था।
यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि हंगरी, नीदरलैंडज, पोलैंड, क्रोशिया और इटली में दूतावास और ब्रूनो को भेजे जाने वाली पैकेटस से तेज नागवार बू आ रही थी। उनका कहना था कि हम इसमें छपे पैगाम को समझने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने ये भी बताया कि विदेश मंत्रालय ने तमाम दूतावासत की सिक्योरिटी सख़्त करने की हिदायत दे दी गई है।
यूक्रेन जंग : फौजियों की हलाकतें 13 हजार तक जा पहुंची
कैफ, लंदन : यूक्रेन के एक आला ओहदेदार ने जुमे के रोज एक बयान में बताया कि रूस की यूक्रेन के खिलाफ जारी जंग में हलाक होने वाले फौजियों की तादाद 13 हजार तक पहुंच गई है। यूक्रेन के सदर व्लादीमीर जेलेंस्की के एक आला मुशीर (सलाहकार) ने फौजी सरबराहों के हवाले से बताया कि 24 फरवरी को रूस के हमले के बाद से अब तक जंग में 10,000 से 13,000 यूक्रेनी फौजी हलाक हो चुके हैं।
उन्होंने जुमेरात को एक टीवी चैनल पर कहा कि हमारे पास जनरल स्टाफ के सरकारी आंकड़े हैं जिसके उनके मुताबिक हलाक होने वाले फौजियों की तादाद तेरह हजार के दरमयान है। उन्होंने ये भी कहा कि जखमी होने वालों की तादाद भी खासी ज्यादा है। यूक्रेन की फौज ने ऐसे आंकड़ों की तसदीक नहीं की है। आखिरी बार ऐसा बयान अगस्त में सामने आया था, जब तकरीबन 9000 फौजी अधिकारी हलाक हो चुके हैं। जून में उन्होंने कहा था यिक जंग में अब तक की लड़ाई में हर रोज 200 फौजी हलाक हो रहे हैं। दूसरी ओर रूस ने लड़ाई रोकने के लिए किसी भी तरह की बातचीत से मना कर दिया है। क्रेमलिन के तर्जुमान ने कहा कि रूसी सदर विलादीमोर बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन पश्चिम देशों की ये मांग कि मास्को पहले यूक्रेन से अपनी फौजें निकाले, कबूल नहीं है।