नई तहरीक : दुर्ग
श्रमण संघ परिवार के सदस्यों ने मंगलवार को युवाचार्य भगवंत के दर्शन, वंदन के लिए चिचोला पहुंचकर पुन: छत्तीसगढ़ पधारने का भाव लेकर छत्तीसगढ़ से उन्हें विदा किया। इस मौके पर ‘युवाचार्य भगवंत भूल ना जाना, लौट के पुन: छत्तीसगढ़ आना’ के नारे लगाते हुए श्रद्धालु भावुक हो गए थे।
चातुर्मास के लिए युवाचार्य भगवंत का पुणे से 1600 किलोमीटर की पदयात्रा कर दुर्ग पदार्पण हुआ था। छत्तीसगढ़ में उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में धर्म प्रभावना के साथ ऐतिहासिक चातुर्मास संपन्न किया। जिसके बाद आगामी चातुर्मास के लिए वे सिकंदराबाद की ओर रवाना हुए। बीच में कुछ दिनों का उनका पड़ाव नागपुर क्षेत्र में होगा जहां उनके सानिध्य में दो जैन भगवती दीक्षा संपन्न होने जा रही है। नागपुर में ही युवाचार्य भगवंत के मुखारविंद से नए वर्ष का महा मंगल पाठ होगा।
मंगलवार की सभा को संबोधित करते हुए युवाचार्य भगवंत ने कहा, श्रमण संघ दुर्ग एवं छत्तीसगढ़ श्रमण संघ परिवार के सदस्यों ने जिस भाव भक्ति के साथ इस चातुर्मास को सफल बनाया है, धर्म की आराधना की और ज्ञान ध्यान सीखने का जो पुरुषार्थ किया है, वह अनुकरणीय है। छोटे बच्चों ने इतने कम उम्र में जो ज्ञान ध्यान सीखा है, उनसे सभी को सीख लेनी चाहिए। तप आराधना के क्षेत्र में दुर्ग का कोई मुकाबला नहीं है। उन्होंने कहा, आपके आतिथ्य एवं सेवा भक्ति को हम जीवन पर्यंत अपनी स्मृति में संजोए रखेंगे।
आध्यात्मिक आनंद वषार्वास 2022 को श्रमण संघ का अद्भुभुत चातुर्मास रहा। इन 4 महीनों में प्रतिदिन देश के विभिन्न शहरों से दर्शनार्थियों एवं गुरु भक्तों का आवागमन लगातार बना रहा।
इस मौके पर छत्तीसगढ़ श्रमण संघ युवा शाखा की कार्यकारिणी घोषित की गई जिसमें टीकम छाजेड़ को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। श्री छाजेड़ ने अपनी कार्यकारिणी में छत्तीसगढ़ के सभी सभी क्षेत्रों के श्रमण संघ परिवार के सदस्यों को शामिल किया है। यह जानकारी प्रचार प्रसार प्रमुख नवीन संचेती ने दी।