जनवरी 2023 में होगी सुनवाई, मंदिर की जमीन पर मस्जिद बनाने का दावा
मस्जिद के भीतर मंदिरनुमा ढांचा मिलने के शक पर सर्वे कराने की मांग
मंगलूरू : आईएनएस, इंडिया
कर्नाटक के मंगलूरो जिले की एक अदालत ने बुध को मिलाली मस्जिद तनाजा (विवाद) केस की समाअत की। अदालत ने बुध के रोज फैसला सुनाया कि मिलाली मस्जिद के सर्वे का मुआमला ये जानने के काबिल है कि क्या ये हिंदू मंदिर पर तामीर की गई है। जनवरी 2023 से केस की समाअत होगी।
तीसरी एडीशनल सिविल कोर्ट के सामने मंगलूरो के टीए धनंजय और बीए मनोज कुमार के दायर करदा मुकद्दमा में कोर्ट ने ये बात कही, ये दलील दी गई थी कि मस्जिद के अंदर मंदिरनुमा ढांचे की बाकियात (अवशेष) तब मिले जब इस साल अप्रैल में मिलाली, मंगलूरो में सय्यद अब्दुल्लाह मदनी मस्जिद की तजईन-ओ-आराइश का काम जारी था। कुछ हिंदू तन्जीमों की जानिब से एक अर्ज़ी दायर की गई थी जिसमें उतर प्रदेश की ज्ञान वापी मस्जिद की तर्ज़ पर मस्जिद का सर्वे करने का मुतालिबा किया गया था। जिनका कहना था कि मस्जिद की तजईन-ओ-आराइश के वक़्त अहाते में हिंदू मंदिरों के ढाँचे को देखा गया था। इसे चैलेंज करते हुए मस्जिद की इंतिजामीया और मुस्लिम तन्जीमों ने दलील दी थी कि अदालत को इस मुआमले को देखने का हक नहीं है।
उसी दौरान कर्नाटक की एक मुकामी अदालत ने दक्षिण कन्नड़ जिÞले में मिलाली मस्जिद तनाजा से फैसला 9 नवंबर के लिए महफूज रखा था। मंगलूरो में तीसरी एडीशनल सिविल कोर्ट ने हुक्म महफूज करने के बाद मस्जिद के अहाते में जुमूद को बरकरार रखने की हिदायत दी। विश्व हिंदू परिषद ने, जो अर्ज गुजार में से एक है, ने मिलाली मस्जिद में सर्वे करने के लिए कोर्ट कमिशनर की तकरुर्री की मांग की है। मिलाली मस्जिद की इंतिजामीया ने कहा कि वीएचपी की अर्ज़ी को खारिज कर देना चाहिए। उसने ये भी कहा कि अदालत इस मुआमले को नहीं ले सकती। इस दौरान अदालत ने दलायल और जवाबी दलायल रिकार्ड किए। दोनों तंजीमें फैसले का बेसबरी से इंतिजार कर रही थीं। केस का फैसला पहले 17 अक्तूबर को महफूज किया गया था जिसे 9 नवंबर तक मुल्तवी कर दिया गया था। हिंदू तंजीमें और अकल्लीयती बिरादरी आज के अदालती फैसले का बेसबरी से इंतिजार कर रही थी।