नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
ज्ञान वापी केस की समाअत के दौरान सुप्रीमकोर्ट ने जुमा 11 नवंबर को एक अहम फैसले में कहा है कि अगले अहकामात तक शिवलिंग की हिफाजत जारी रहेगी।
ज्ञान वापी
सुप्रीमकोर्ट ने अपने पहले के हुक्म को बरकरार रखा है। हिंदू फरीक को इस मुआमले में जवाब देने के लिए तीन हफ़्ते का वक़्त दिया गया है। इससे पहले ज्ञान वापी के श्रृंगार गौरी के बाकायदा दर्शन, पूजा और दीगर मुआमलात के तहफ़्फुज के लिए 21 अक्तूबर को जिÞला जज की अदालत में हिंदू फरीक की जानिब से कार्रवाई करने के मुतालिबे पर समाअत हुई थी। साथ ही मुस्लिम फरीक ने एडवोकेट कमिशनर की कार्रवाई के मुतालिबे पर एतराज के लिए वक़्त मांगा था। डिस्ट्रिक्ट जज ने 100 रुपय जुर्माने की सजा सुनाते हुए केस की अगली समाअत के लिए 2 नवंबर की तारीख मुकर्रर की थी। साथ ही, इससे पहले श्रृंगार गौरी केस में फरीकैन की तमाम दरखास्तें अदालत ने मुस्तर्द कर दी थीं।
ख़्याल रहे कि राखी सिंह समेत पाँच खवातीन ने ज्ञान वापी कैम्पस के लिए अर्ज़ी दाखिल की थी। ज्ञान वापी कैम्पस में सर्वे के दौरान पाए गए मुबय्यना (कथित) शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग को मुस्तर्द कर दिया गया। राखी सिंह समेत पाँच मुदईआन ने अब एक बार फिर ज्ञान वापी कैम्पस के सर्वे का मुतालिबा किया है। इन खवातीन की ये दरखास्त 17 मई को अदालत के सामने रखी गई थी। इन पाँच खवातीन की तरफ से दी गई अर्ज़ी में कहा गया है कि 16 मई को कमीशन की कार्रवाई के दौरान सर्वे में जो शिवलिंग मिला, उसके मशरिक की तरफ दीवार के दरवाजे को ईंटों से ढाँप दिया गया है। साथ ही इस मलबे को नंदी के सामने तह-खाने में रखा गया है और शुमाल की तरफ दीवार भी बनाई गई है। इसमें उन्होंने मुतालिबा किया है कि दीवार और मलबा हटा कर शिेवलिंग की ऊंचाई, लंबाई और चौड़ाई के साथ साथ तहखानों में सर्वे की कार्रवाई की जाए।