रिहाई के हुक्म पर भाजपा मेंबर असेंबली ने कहा, ये 'धर्म’ की जीत है
हैदराबाद : आईएनएस, इंडिया
गुस्ताखी-रसूल (सल्लल्लाहाहे अलैहे वसल्लम) के इर्तिकाब (बदतमीजी मामले) में जेल में बंद भाजपा मेंबर असेंबली टी राजा के लिए तेलंगाना हाईकोर्ट ने राहत की खबर सुनाई है।
पैगंबर इस्लाम (सल्लल्लाहाहे अलैहे वसल्लम) की शान में एहानत आमेज तबसरे (आपत्तिजनक टिप्पणी) करने के मुआमले में जेल में बंद टी राजा को कोर्ट ने दोनों फरीकैन के दलायल सुनने के बाद रैलियों और पे्रस मीटिंग ना करने की शराइत के साथ रिहा करने का हुक्म दिया है। पुलिस ने टी राजा के खिलाफ पीडी एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। उसके बाद टी राजा ने ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि 'धर्म’ की जीत हुई है, मैं एक बार फिर आपकी खिदमत में हाजिर हूँ।
ख़्याल रहे कि अगस्त में पैगंबर इस्लाम (सल्लल्लाहाहे अलैहे वसल्लम) की शान में मुतनाजा (विवादित) तबसरा के बाद टी राजा के खिलाफ कई शिकायात सामने आई थीं। लोगों की बड़ी तादाद दुबैरपुरा, भिवानी नगर, रैन बाजार, मेरचूक पुलिस थानों में शिकायत दर्ज कराने पहुंची थी। लोगों ने कहा कि भाजपा मेंबर असेंबली टी राजा ने एक कम्यूनिटी के मजहबी जजबात को ठेस पहुंचाई है, उन्होंने टी राजा की फौरी गिरफ़्तारी का मुतालिबा भी किया था, उसके बाद शदीद एहतिजाज (बढ़ते विरोध) के बाद टी राजा को गिरफ़्तार कर लिया गया था। उनके खिलाफ दफा 295 (65) और 153 (65) के तहत मुकद्दमा दर्ज किया गया था।
टी राजा तेलंगाना की गोशा महल सीट से एमएलए हैं। वे कई बार मुस्लमानों के खिलाफ मुतनाजा रिमार्कस कर चुके हैं। 2020 में उन पर फेसबुक और इंस्टाग्राम ने नफरत फैलाने पर पाबंदी लगा दी गई थी। टी राजा ने अपने सियासी कैरीयर का आगाज तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) से किया, वे 2009 से 2014 तक ग्रेटर हैदराबाद म्यूनसिंपल कारपोरेशन में कार्पोरेटर रहे। राजा सिंह ने 2014 के इंतिखाबात से कब्ल टीडीपी छोड़कर बीजेपी में शमूलीयत इखतियार की थी। 2014 में उन्होंने पहली बार असेंबली इंतिखाबात में कामयाबी हासिल की। उसके बाद 2018 में भी वो गोशा महल से इलेक्शन जीतने में कामयाब हुए थे। साल 2015 में राजा सिंह एक पुलिस कांस्टेबल के साथ बदतमीजी के बाद तनाजआत में घिर गए थे।