![]() |
फुटबाल वर्ल्ड कप : 2022 |
कतर में बीस नवंबर से वर्ल्ड कप का आगाज हो गया है। वर्ल्ड कप का ये बाईसवां एडीशन है। पांच अरब टीमों समेत इस वर्ल्ड कप में मजमूई तौर पर 32 टीमें हिस्सा ले रही हैं।
हिन्दुस्तानी सरकार के मुतासबाना और मुबय्यना (पक्षपाती और कथित) तौर पर दहशतगर्दी के लिए फंडिंग के इल्जाम के तहत हिन्दोस्तान छोड़कर चले जाने वाले इस्लामी मबलग (प्रचारक) डाक्टर जाकिर नायक भी वर्ल्ड कप के मदाहों (प्रशंसकों) में शामिल हो गए। वे वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले ही कतर पहुंच गए हैं।
इमकानी तौर पर वर्ल्ड कप देखने के लिए आने वाले लाखों तमाशाइयों में उनके मद्दाहीन की भी बड़ी तादाद दोहा में मौजूद होगी। इसलिए वो डाक्टर जाकिर नायक के लेक्चर्ज भी सुन सकेंगे। सोशल मीडीया की रिपोर्टस के मुताबिक डाक्टर नायक के लैक्चर रोजाना की बुनियाद पर चलते रहेंगे। कतर के सरकारी स्पोर्टस टीवी के पेशकार फैसल अल हाजरी ने अपने एक ट्वीटर में डाक्टर नायक के मुम्किना लैक्चरज का जिÞक्र किया है।
डाक्टर नायक दुनिया के मुख़्तलिफ मुल्कों में अपने मद्दाहीन (प्रशंसकों) के अलावा खुद हिन्दोस्तान के मुस्लमानों और दलित हिन्दुवों में बहुत मकबूल हैं। खुसूसन नई नस्ल उनके लैक्चर बड़े गौर से सुनती है। वाजेह रहे कि फीफा वर्ल्ड कप 2022 दोहा से 35 किलोमीटर के फासले पर अलबीत स्टेडीयम में हो रहा है। फीफा वर्ल्ड कप देखनो लाखों मद्दाहीन कतर पहुंच चुके हैं। कतर के साथ दूसरे खलीजी मुल्कों और सऊदी अरब में भी इस मौका पर एक बड़ी चहल पहल का माहौल बन रहा है।
कतर की हिमायत में उतरे फीफा के सरबराह
कहा, यूरोप अगले 3000 बरसों तक माफी तलब करे
दोहा : फीफा के सरबराह कतर पर योरपी मुल्कों में इंसानी हुकूक के बारे में जारी मुखालिफाना मुहिम के बारे में फट पड़े। उन्होंने खुद को एक अरब और कतरी फर्द महसूस करने का कहते हुए कहा कि यूरोप के मुल्कों को अपनी लैक्चरबाजी बंद करनी चाहिए।
अगर मजदूरों और नौजवानों के हुकूक की इतनी फिक्र है, तो उन्हें अपने यहां मौका दें, जबानी हमदर्र्दीं ना जताएं। फीफा सरबराह ने योरपी अक़्वाम को शदीद तन्कीद का निशाना बनाते हुए कहा कि हम योरपी लोग पिछले 3000 साल से इंसानों के साथ जो सुलूक कर रहे हैं, उसके अजाले के लिए हमें 3000 साल तक इंसानों से माफी मांगनी होगी। इन ख़्यालात का इजहार उन्होंने अपनी पहली बाजाबता पे्रस कान्फे्रंस से खिताब के दौरान किया।
कतर 2010 से उस वक़्त से मुखालिफाना तन्कीद का सामना कर रहा है, जब से उसने वर्ल्ड कप अपने यहां कराने का इंदीया दिया था। कुछ अर्से से बाअज योरपी मुल्कों ने कतर में मजदूरों के हुकूक और उनको मिलने वाले मुआवजो़ के बारे में एक मुहिम ऐसे वक़्त में शुरू की, जब वर्ल्ड कप महज चंद हफ़्ते के फासले पर रह गया था।
यूरोप की तन्कीद का एक बड़ा हिस्सा स्टेडियम के अंदर शराब की फरोखत पर पाबंदी के फीफा के ताजा फैसले के बाद सामने आया। उन्होंने कहा, मैं आज अपने आपको एक कतरी के तौर पर महसूस कर रहा हूँ । उन्होंने इस मौका पर कतर की इमीग्रेशन पालिसी का दिफा किया और तारीफ की कि कतर ने इतनी बड़ी तादाद में दूसरे मुल्कों के कारकुनों को अपने यहां इतनी बड़ी तादाद में रोजगार के मवाके दे रखे हैं।
आज पढ़ें :
- गुजरात इलेक्शन सर्वे : किसी मुसलमान को टिकट ना देकर बीजेपी अच्छा किया, अवाम की राय
- थाईलैंड की सबसे बड़ी यूनीवर्सिटी ने दी सऊदी वलीअहद को डाक्टरेट की एजाजी डिग्री
- फुटबाल वर्ल्ड कप की इफ्तिताही तकरीब में शिरकत के लिए दोहा पहुंचे
- जेसीबी एवार्ड प्रोफेसर खालिद के नाम, कहा, ये मेरा नहीं उर्दू का एजाज है
- मुल्जिम के घर चला बुलडोजर, चीफ जस्टिस ने कहा, इस तरह तो कोई महफूज नहीं रहेगा
- फीफी वर्ल्ड कप : अपनी टीम की हिमायत में सऊदी शायकीन का मार्च