गुजरात इलेक्शन में यकसां सिवल कोड का शोशा
गांधीनगर : आईएनएस, इंडिया
गुजरात इंतिखाबात में अब सिर्फ एक हफ़्ता बाकी रह गया है। पहले मरहले की वोटिंग एक दिसंबर को होने जा रही है। हर पार्टी अपनी पूरी ताकत इंतिखाबी मुहिम में झोंक रही है। बीजेपी की तरफ से भी तजर्बाकार लीडरों की पूरी फौज को मैदान में उतारा गया है।
गुजरात इंतिखाबात में पार्टी उम्मीदवारों के लिए वोट मांगने में मसरूफ आसाम के वजीर-ए-आला हेमंता बिस्वा सरमा ने यकसाँ सिवल कोड का शोशा छोड़ा है। गुजरात में एक रैली से खिताब करते हुए उन्होंने कहा जब हिंदू एक शादी करता है तो दूसरे मजाहिब के लोगों को भी एक ही शादी करनी पड़ेगी। मुल्क में यकसां सिविल कोड लागू होना चाहिए। वजीरे आला सरमा ने रैली में यकसां सिविल कोड का मसला उठाते हुए मुल्क में इसे लागू करने की जरूरत पर बात की। ख़्याल रहे कि उत्तराखंड की तरह बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में हिमाचल प्रदेश और गुजरात में यकसां सिविल कोड नाफिज करने की बात की है। हालांकि ये घोषणा पत्र उत्तराखंड के इंतिखाबात में बड़ा मसला बन गया था।
आसाम के वजीर-ए-आला ने श्रद्धा कत्ल केस के मुल्जिम आफताब की भी गुजरात इंतिखाबात में एन्ट्री करवा दी। उन्होंने कहा कि आफताब नामी मुस्लमान लड़के ने एक हिंदू लड़की के 35 टुकड़े कर दिए, उसने लड़की को शादी का झांसा देकर ये सब किया। वो दूसरी लड़कीयों को भी डेट करता था। उन्होंने कहा कि मुल्क में बहुत से आफताब हैं, लिहाजा लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाया जाए। इससे पहले कुछ जलसे में उन्होंने कहा था कि मुल्क में मजबूत लीडर नहीं होगा तो हर शहर में 'आफताब' पैदा होगा।
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