गुरुदेव श्री रतन मुनि जी महाराज के मंगल पाठ से अधिवेशन का आगाज हुआ
नई तहरीक : दुर्ग
जय आनंद भवन मधुकर रतन भवन के प्रांगण में गुरुदेव श्री रतन मुनि जी महाराज के मंगल पाठ से छत्तीसगढ़ महिला अधिवेशन संकल्प से सिद्धि की ओर का आगाज हुआ। साध्वी सन्मति जी के सानिध्य में शुरू इस आयोजन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों एवं अनेक ग्रामीण अंचलों से श्रमण संघ परिवार के सदस्यों ने हिस्सा लिया।
प्रथम सत्र की शुरुआत रात साढ़े आठ बजे युवाचार्य भगवंत महेंद्र ऋषि जी, हितेंद्र ऋषि जी व साध्वी सन्मति जी सहित अन्य साध्वी के ज्ञान, ध्यान सिखाने से हुई। अधिवेशन को संबोधित करते हुए युवाचार्य भगवंत ने श्रमण संघ के उत्थान के लिए अनेक सारगर्भित बातें बताई। उन्होंने कहा, संघ की महिला सदस्यों को सप्ताह में एक बार आपस में मिलना चाहिए। साथ ही संघ की एकता और उसकी प्रगति के लिए चर्चा करनी चाहिए। अपने बच्चों के लिए पाठशाला का संचालन किया जाना चाहिए जिससे बच्चे संस्कारवान बने और उसमें श्रमण संघ के पाठ्यक्रम की शिक्षा दी जानी चाहिए। इसके लिए उन्होंने हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
‘म’ से ‘ममता’, ‘ह’ से ‘हिम्मत’ और ‘ला’ से ‘लज्जा’
जहां गुरु नहीं, वहां जीवन नहीं
द्वितीय सत्र को संबोधित करते हुए हितेंद्र ऋषि जी महाराज ने कहा, गुरु धारणा श्रावक के लिए अत्यंत आवश्यक है। हर श्रावक-श्राविका को अपने जीवन में गुरु बनाना चाहिए। उन्होंने कहा, जहां गुरु नहीं, वहां जीवन शुरू नहीं। उन्होंने कहा, वर्ष में कम से कम एक बार गुरु का दर्शन करना चाहिए जिससे गुरु और शिष्य के बीच सामंजस्य बना रहे। गुरु के दर्शन, वंदन से भीतर एक नई ऊर्जा, एक नई शक्ति का संचार होता है जो व्यक्तित्व विकास के लिए आवश्यक है।
श्रमण संघ महिला मंडल की अध्यक्ष सरिता श्री श्रीमाल ने अतिथियों का स्वागत एवं आभार प्रदर्शन मंत्री सपना संचेती ने किया। अधिवेशन को सफल बनाने में लेखा संचेती, युक्ति बोहरा, रुचिता बाघमार, भारती श्रीश्रीमाल, राजकुमारी संचेती, आशा संचेती, संजना रतन बोहरा, नेहा संचेती, मेघा छाजेड़, श्वेता बोहरा व नेहा रतन बोहरा ने सक्रिय भूमिका निभाई।
दीक्षार्थी क्षायिक जैन का भव्य वरघोड़ा 6 को
दीक्षार्थी क्षायिक जैन का भव्य वरघोड़ा 6 नवंबर को सुबह 8:30 बजे ओसवाल भवन जवाहर चौक से प्रारंभ होगा जो जवाहर चौक, गांधी चौक, शनिचरी बाजार होते हुए बांधा तालाब पहुंचेगा। आनंद समवशरण के प्रांगण में दीक्षार्थी क्षायिक जैन का अभिनंदन किया जाएगा जिसमें श्रमण संघ परिवार के अलावा ओसवाल जैन पंचायत, समता संघ, सुधर्म संघ, मूर्तिपूजक संघ, तेरापंथ संघ और शांत क्रांत संघ के सदस्य शामिल होंगे।