अकवाम-ए-मुत्तहिदा (संयुक्त राष्टÑ) के हकूक-ए-इंसानी (ह्यूमेन वेलफेयर) कमीशन का इल्जाम
न्यूयार्क : आईएनएस, इंडिया
अकवाम-ए-मुत्तहिदा के हुकूक-ए-इन्सानी के हाई कमिशनर के मुताबिक ईरान में सूरत-ए-हाल नाजुक हो गई है, जहां गुजिश्ता दो माह के दौरान हंगामों में तीन सौ से ज्यादा लोग हलाक हो गए है।
ईरान की सूरत-ए-हाल नाजुक है, एहतिजाज करने वालों के खिलाफ हुक्काम की कार्यवाहीयां लगातार सख़्त होती जा रही हैं। जिसके नतीजे में गुजिश्ता दो माह के दौरान हलाक होने वालों की तादाद तीन सौ से तजावुज कर चुकी है। ईरान में एहितजाजी मुजाहिरों के दौरान बढ़ती हलाकतों की तादाद, जिसमें दो बच्चे भी शामिल है, और सिक्योरिटी फोर्सिज की जानिब से मुजाहिरीन के खिलाफ बढ़ती सख़्ती मुल्क की नाजुक सूरत-ए-हाल को उजागर करती है।
ईरान की अखलाकी पुलिस की तहवील (हिरासत) में सोला सितंबर को बाईस साला कुर्द खातून महसा अम्मीनी की मौत के बाद से जिसे हिजाब दुरुस्त तौर पर ना पहनने के इल्जाम में गिरफ़्तार किया गया था, के इंतेकाल के बाद से एहतिजाज का सिलसिला जारी है। तेहरान इन एहितजाजी मुजाहिरों के लिए गैर मुल्की दुश्मनों और उनके एजेंटों पर इल्जाम आइद करता है। जो मुआशरे के हर तबके के ईरानियों की जानिब से मकबूल शक्ल इखतियार कर गए हैं और जो 1989 के इंतिखाब के बाद से मजहबी रहनुमाओं की हुक्मरानी के लिए अब तक के बड़े चैलेंजों में से एक है। उसी ब्रीफिंग में बड़े कुर्द शहरों में सूरत-ए-हाल के बारे में तशवीश का इजहार किया जहां इत्तिलाआत के मुताबिक गुिजशता हफ़्ते सिक्योरिटी फोर्सिज के हाथों चालीस से ज्यादा लोग मारे गए हैं। ईरान के सरकारी मीडीया ने गुजिश्ता माह कहा था कि पुलिस वालों समेत 46 से ज्यादा सिक्योरिटी फोर्सिज के अरकान एहितजाजी मुजाहिरों में मारे गए हैं।