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तेहरान में मारूफ टावर्ज के सामने रक़्स और मेट्रो पर बेपर्दा खवातीन

तेहरान में मारूफ टावर्ज के सामने रक़्स और मेट्रो पर बेपर्दा खवातीन

दुबई : आईएनएस, इंडिया
 

मुबस्सिरीन (विश्लेषक) और तजजियाकार (समीक्षक) इस बात पर मुत्तफिक हैं कि ईरान में गुजिश्ता माह से जो मुजाहिरे हो रहे हैं, उसकी वजह नौजवानों पर मुसल्लत जाबिराना कवानीन भी हैं। 

इन मुजाहिरों ने साबित कर दिया कि हुकमरानों और नौजवान तबके के दरमयान खलीज बढ़ गई है। सोशल मीडीया की नस्ल अब ताकत के जरीये मुसल्लत की गई पाबंदीयों से गोया तंग आ चुकी है। इन एहितजाजी मुजाहिरों के बाद नौजवानों में आजादी की लहर उठ रही है और ईरान में इस आजादी की अलामात नजर आने लगी हैं। तेहरान में चहलकदमी करने वालों को ये तबदीली नजर आएगी क्योंकि हाल ही में सोशल मीडीया पर ईरानी कारकुनों के दरमयान फैलने वाले बहुत से वीडीयो क्लिप्स से जाहिर होता है कि नौजवानों में एक बागियाना रवैय्या सामने आना शुरू हो गया है। इसका एक मजहर उस वक़्त सामने आया जब दार-उल-हकूमत की मेट्रो में दर्जनों नौजवान खवातीन बगैर स्कार्फ़ के नमूदार हो गईं। जबकि तेहरान की शरीफ यूनीवर्सिटी आफ टेक्नोलोजी के वीडीयो क्लिप्स में नौजवान मर्द और खवातीन तालिब-ए-इल्मों को कैफेटेरिया में एक साथ बैठते हुए और अलहदगी के कवानीन को तोड़ते हुए दिखाया गया है। ईरानी दार-उल-हकूमत के मशहूर तरीन निशानात में से एक आजादी टावर के सामने एक नौजवान ईरानी खातून ने तो रक़्स कर डाला, खातून ने अपने बाल नीचे कर दिए और हुकूमत की मुखालिफत की। बड़ी तादाद में खवातीन छ: हफ़्ते पहले सड़कों पर आर्इं और अब भी अपने उड़ते बालों से अखलाकी पुलिस की मुखालफत कर रही हैं। 

ईरानी कारकुनों और मगरिबी सहाफीयों ने इस वीडीयो को दुबारा शेयर किया जो इससे कब्ल मुजाहिरों के दौरान गर्दिश में आई थी। नेटवर्क ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक इतवार के रोज मुल्क में टेक्नोलोजी के मैदान में सबसे ऊंचे दर्जे की शरीफ यूनीवर्सिटी में एहतिजाज करने वाले तलबा और सेक्योरिटी फोर्सिज के दरमयान तसादुम देखने में आया। कई तालिबात सर से स्कार्फ उतार कर डाइनिंग हाल में दाखिल हुईं। उसी दौरान यूनीवर्सिटी ने ऐलान किया कि उसने अपने कैम्पस में गैर आरामदेह माहौल पैदा करने में मुलव्वस होने की बुनियाद पर तलबा के एक छोटे ग्रुप को अपने कैम्पस में दाखिल होने से आरिजी तौर पर रोक दिया है। गौरतलब है कि 16 सितंबर को पुलिस हिरासत में महसा अम्मीनी की मौत के बाद शुरू होने वाले मुजाहिरे ताहाल कमजोर नहीं हुए हैं। महसा की मौत के बाद से कई मसाइल पर नौजवानों में गुस्से की आग भड़क उठी है। इन मसाइल में जाती आजादियों पर पाबंदियां और खवातीन के लिबास से मुताल्लिक सख़्त कवानीन, मआशी बोहरान और हुकूमत और हुकूमती सियासी ढाँचे में नाफिज करदा सख़्त कवानीन हैं। वहीं दुश्मन ममालिक जैसे अमरीका वगैरा पर मुजाहिरीन की हिमायत करने और एहतिजाज को शह देने का इल्जाम है।


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