नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
कौमी दारुल हकूमत के एक आला निजी अस्पताल के डाक्टरों ने जुमा को चीनी माँझा के मुम्किना (संभावित) खतरात से खबरदार किया है। उन्होंने दो खवातीन मरीजों की मिसाल दी जो सड़क पर हादसाती तौर पर चीनी मांझे से टकराने के बाद शदीद जखमी हो गई थीं। हाल ही में दोनों खातून की सर्जरी करनी पड़ी। उनमें से एक, विद्यावती (61) मशरिकी (पूर्वी) दिल्ली में दो पहिया गाड़ी चला रही थीं जब वे चीनी मांाा की चपेट में आ गई थीं। विद्यावती की सर्जरी करने वाले डाक्टर ने बताया कि चीनी माँझा से लगने वाला जखम इतना गहिरा था, जैसे उसका गला छुरी से काटा गया हो। ऊषा रंजन (54) एक और मरीज जिसने सर्जरी करवाई, ने भी मैक्स हस्पताल, पटपड़ गंज के जेर-ए-एहतिमाम एक पे्रस कांफ्रेंस में विद्यावती के साथ अपने तजुर्बात शेयर किए। चीनी माँझा के खतरात का खाका पेश करते हुए, उन्होंने हुकूमत की जानिब से पाबंदी आइद किए जाने के बावजूद माँझा की मुबय्यना बड़े पैमाने पर फरोखत पर भी रोशनी डाली। डाक्टरों ने बताया कि जब विद्यावती दो पहिया गाड़ी पर सवार थीं, उन्होंने अपनी गर्दन पर धागा महसूस किया और अगले ही लम्हे वो नाकाबिल-ए-बर्दाश्त दर्द में कराहने लगीं और बहुत ज्यादा खून बहने लगा। अस्पताल ने बाद में एक बयान जारी करते हुए कहा कि कुछ राहगीर और पुलिस अहलकार विद्यावती की मदद के लिए आगे आए। वो उसे करीबी हस्पताल ले गए, जहां पता चला कि उनकी गर्दन पर गहरा जखम है। विद्यावती को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल मुंतकिल करने का मश्वरा दिया गया। जिसके बाद उन्हें पटपड़ गंज के मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ले जाया गया। डाक्टरों के मुताबिक सेहतयाब होने के बावजूद विद्यावती को इस तरह के हादिसे के दुबारा होने का खदशा है और उन्होंने मुताल्लिका हुक्काम से चीनी माँझा की फरोखत पर आइद पाबंदी की तामील को यकीनी बनाने की दरखास्त की है।