नई दिल्ली : राज्य सभा में अकलीयतों पर किए गए हमलों के ताल्लुक से पूछे गए एक सवाल के जवाब में वजारत अकलीयती उमूर की जिÞम्मेदारी सँभाल रहें स्मृती ईरानी ने कहा कि मर्कज के पास अकलीयतों पर हमलों के ताल्लुक से डेटा मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा कि मर्कज के पास डेटा इसलिए नहीं है क्योंकि किसी भी रियासत के नजम-ओ-नसक और इससे वाबस्ता उमूर का रिकार्ड रखना रियास्ती हुकूमत की जिÞम्मेदारी है। उन्होंने कहा, मर्कज की जानिब से किसी खुसूसी तबका के लोगों का डेटा रिकार्ड नहीं किया जाता।
राज्य सभा में ये सवाल बुध के रोज आईयूएमएल (इंडियन यूनीयन मुस्लिम लीग) के रुक्न पार्लियामेंट अब्दुल वहाब ने पूछा था, जिसका जवाब मर्कजी वजीर स्मृती ईरानी दे रही थीं। अब्दुल वहाब ने सवाल किया था कि क्या गुजिश्ता कुछ सालों में अकलीयती तबका के लोगों पर हमले के वाकियात में इजाफा हुआ है, अगर हुआ है तो मर्कजी हुकूमत की जानिब से उनकी सलामती के लिए क्या किया जा रहा है, उन्होंने ये सवाल भी किया था कि क्या मर्कज के पास ऐसा कोई डेटा है, जिससे अकल्लीयतों और उनसे वाबस्ता इदारों पर हुए हमले के वाकियात का पता चल सके, अगर ऐसा है तो मर्कज उसे पेश करे। इस सवाल के तहरीरी जवाब में मुताल्लिका मर्कजी वजीर स्मृती ईरानी ने कहा कि आईन हिंद के सातवें शैडूल के मुताबिक पब्लिक आर्डर और पुलिस रियासत के मजामीन हैं। लिहाजा नजम-ओ-नसक को बरकरार रखने, अकल्लीयतों समेत तमाम शहरीयों के खिलाफ जराइम के इन्दराज और इस्तिगासा की जिÞम्मेदारी मुताल्लिका रियास्ती हुकूमतों पर आइद होती है। चुनांचे मर्कजी सतह पर मुख़्तलिफ तबकात के खिलाफ हमलों से मुताल्लिक मखसूस आदाद-ओ-शुमार रिकार्ड नहीं किए जाते। मर्कजी वजीर ने कहा कि हकूमत-ए-हिन्द ने मुल्क में फिकार्वाराना हम-आहंगी और अमन-ओ-अमान को बरकरार रखने के लिए रहनुमा हिदायात जारी की हैं। हुकूमत इस बात की निगरानी भी करती है कि अमन बरकरार रहे। उन्होंने कहा कि रियास्तों में अमन-ओ-अमान की सूरत-ए-हाल को बरकरार रखने के लिए रियास्ती हुकूमत की दरखास्त पर सेंटर्ल आर्म्ड पुलिस फोर्सिज को तयनात किया गया है, ताकि वो मुकामी पुलिस की मदद कर सके।