✒ बागपत : आईएनएस, इंडिया
यूपी के बागपत में शरपसंद अफराद के जरीया माहौल खराब करने की कोशिशें हो रही हैं। मीडीया रिपोर्टस के मुताबिक बागपत के कोतवाली इलाके के सरवरपुर कलां गांव में कुछ शर पसंद अनासिर ने गांव की बड़ी मस्जिद के सदर दरवाजे समेत दीवारों पर कई जगह जय श्री राम लिख दिया। जुमा की सुबह जब मुस्लमानों ने ये देखा तो हैरान रह गए। जब इसकी खबर पुलिस को मिली तो वो फौरन पहुंची और जिन मुकामात पर नारे लिखे थे, वहां पुताई करवा दी।माहौल खराब करने की शरपसंदों की इस कोशिश को देखते हुए पुलिस आफिसरान अलर्ट हो गए। सरवर पूर कलां गांव के रहने वाले बाबू खां का कहना है कि जुमा की सुबह वो बाजार में वाके बड़ी मस्जिद का दरवाजा खोलने के लिए पहुंचे। उसने देखा कि दरवाजे पर नारा लिखा हुआ है, जिसे उसने कपड़े से मिटा दिया। बाबू खां का कहना है कि फिर उन्होंने दीवारों की तरफ देखा तो कुछ मुकामात पर यही इश्तिआल अंगेज नारा लिखा नजर आया। गांव के ही किसी शख़्स ने इसकी खबर पुलिस को दे दी। खबर मिलते ही पुलिस मस्जिद के पास पहुंची और फौरी तौर पर दीवार की पुताई करवा दी। बाबू खां का कहना है कि कुछ शर पसंद अनासिर ने ही गांव का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की है। मुआमला सामने आने के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है और गांव के कई लोगों से इस मुआमले में पूछताछ की जा रही है।
कोतवाली इंचार्ज राकेश कुमार सिंह का कहना है कि जांच की जा रही है और जल्द ही कसूरवारों को गिरफ़्तार कर लिया जाएगा। मस्जिद की दीवारों पर इश्तिआल अंगेज नारे लिखे जाने से मुस्लिम तबका में •ाी नाराजगी देखने को मिल रही है।
ज्ञान वापी केस : सुप्रीमकोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा
नई दिल्ली : वाराणसी में ज्ञान वापी मुआमले में मुस्लिम फरीक को सुप्रीमकोर्ट से राहत नहीं मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने केस को सिंगल जज बेंच से मुंतकिल करने का जो फैसला लिया है, वो बरकरार रहेगा। सुप्रीमकोर्ट ने मुस्लिम फरीक की तरफ से दिए गए चैलेंज को मुस्तर्द (रद्द) कर दिया है। सुप्रीमकोर्ट ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के फैसले में मुदाखिलत से इंकार कर दिया। सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि हम हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के दायरा इखतियार में मुदाखिलत नहीं करेंगे। चीफ जस्टिस को फैसला करने दें। मुस्लिम फरीक ने कहा कि निजाम का मजाक उड़ाया जा रहा है। दूसरे बेंच में होने वाली समाअत (सुनवाई) पर किसी फरीक ने कोई एतराज जाहिर नहीं किया। समाअत मुकम्मल होने और फैसला महफूज होने पर चीफ जस्टिस ने केस अपनी अदालत में मुंतकिल कर दिया। दरअसल चीफ जस्टिस जनाब दीवाकर ने खुद को जस्टिस प्रकाश पाडिया की अदालत से ट्रांसफर कर लिया था, जो गुजिश्ता दो साल से इस केस की समाअत कर रहे थे।