हर गुंबद की लंबाई 18 मीटर और वजन 80 टन है।
नमाजियों को मुनासिब माहौल फराहम कराते हैं हर गुंबद
हर गुंबद में आयात और सूरतें लिखी हुई है
रियाद : मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के गुंबद अपनी मुनफर्द साख्त के साथ फन्ने तामीर की जमालीयात का मुनफर्द पहलू हैं। उन्हें जदीद तरीन इंजीनीयरिंग डिजाइन के मुताबिक जदीद टैक्नोलोजी की मदद से इस अंदाज में तैयार किया गया है जिससे मस्जिद आने वाले नमाजियों को मुनासिब माहौल फराहम किया जा सके।
सऊदी पे्रस एजेंसी 'एसपीए’ के मुताबिक मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के गुंबद को मुख़्तलिफ तामीराती शक्लों के साथ डिजाइन किया गया है जिसमें बहुत सी आयात और कुरानी सूरतें देखी जा सकती हैं। मुख़्तलिफ साइज की खिड़कियों को ऐसे तैयार किया गया है कि उनसे सूरज की रोशनी और ताजा हवा ब-आसानी अंदर दाखिल हो सकती है। इसके अलावा मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की हालिया तौसीअ (विस्तार) में 27 मुतहर्रिक गुंबद बनाए गए हैं जो पूरी मस्जिद में मुनफरद इंजीनीयरिंग और आरकीटेक्चरल डिजाइन के साथ तकसीम किए गए थे। मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के उमूर की एजेंसी के आॅप्रेशन और मेंटेंन्स डिपार्टमैंट के जेरे निगरानी एक खुसूसी कंट्रोल रुम के जरीये गुम्बदों के खुलने और बंद होने का अमल खुद बखुद कंट्रोल किया जाता है।
ये गुंबर फितरत के मुताबिक मुनासिब वक़्त पर सूरज की रोशनी और हवा के दाखिले की इजाजत देता है। फिजा और हवा के मेयार और पाकीजगी की सतह और नमाजियों को बराह-ए-रास्त सूरज की रोशनी से बचाने और मस्जिद के अंदर हवा को ठंडा रखने के माहौल के मुताबिक तैयार किया गया है। मस्जिद नबवी के मुतहर्रिक गुम्बदों को भी हम-आहंगी के साथ डिजाइन किया गया था। हर गुंबद की लंबाई 18 मीटर और वजन 80 टन है। ये लोहे की सलाखों पर चलता है जिसकी कुल लंबाई 1573 मीटर है। गुम्बदों में जमालियाती लम्स को शामिल करने के लिए बहुत से मवाद शामिल हैं। वो अंदर से ठोस देवदार की लकड़ी के स्लेटों से ढके हुए हैं और नीले फीरोजे से जुड़ी हुई लकड़ी की शक्लों से सजे हुए हैं। गुम्बदों का रंग बाहर से खाकस्तरी है।
- मुनफर्द साख्त अद्वितीय रचना
- फन्ने तामीर वास्तुशास्त्र
- जमालियत सौंदर्यशास्त्र
- जदीद तरीन आधुनिक
- तौसीअ (विस्तार)
- जमालियाती लम्स सौंदर्य बोध