छत्तीसगढ़ की संस्कृति एवं पर्यावरण हरेली को दर्शाता है : वोरा


दुर्ग।
छत्तीसगढ़ में परम्पराओं को सहजते हुए आधुनिक जरुरतों के अनुसार प्रकृति से जुड़कर पर्यावरण अनुकूल विकास की दिशा में आगे बढ़ने की दिशा में आने वाली पीढ़ी के लिए हरेली पर्व के बहाने गौरवशाली संस्कृति को सहजने की पहल है। इससे युवा भी अपनी पुरातन परम्पराओं से जुड़ने लगे हैं। प्रदेश की भूपेश सरकार ने हरेली त्यौहार को भी सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। दो वर्ष पूर्व गौधन न्याय योजना की शुरुआत की गई थी। वहीं अब गौमूत्र भी सरकार द्वारा खरीदी की जाएगी। 

छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार हरेली के अवसर पर विधायक अरुण वोरा ने कहा कि ऐसे आयोजनों से आमजन व बच्चे अपनी कृषि संस्कृति का हिस्सा बनेगें। साथ ही लोक मूल्यों को सहेजते हुए गढ़वो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने में अपनी भूमिका निभाएंगे। राजेश शर्मा एल्डरमेन नगर पालिक निगम पद्मनाभपुर, कसारीडीह व बोरसी स्कूलों के छात्र-छात्राओं के साथ हरेली के आयोजन में पौधरोपण कर गेडी दौड़ में शामिल हुए।


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